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मासूम हिंदू किशोरी बनी ‘मुमताज’

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कुशीनगर, उत्तर प्रदेश

एक बार फिर कट्टरपंथी मानसिकता का शर्मनाक चेहरा सामने आया है, इस बार निशाना बनी एक मासूम हिंदू किशोरी जिसकी पहचान, आस्था और स्वतंत्रता को कुचलने का षड्यंत्र रचा गया।

कुशीनगर में रहने वाली इस भोली-भाली लड़की को एक मुस्लिम युवक इमरान अंसारी ने झूठे प्यार का जाल बिछाकर अपने मकसद में फँसाया। किशोरी ने साहस के साथ अपनी आपबीती पुलिस को सुनाई। उसने बताया कि इमरान ने पहले प्रेम का दिखावा किया फिर दबाव बनाकर मतान्तरण कराया और उससे निकाह कर लिया। इसके बाद उसने लड़की का आधार कार्ड जबरन बदलवाया, जिसमें अब उसका नाम मुमताज खातून दर्ज है। इतना ही नहीं, इमरान किशोरी पर प्रतिदिन नमाज पढ़ने और मुस्लिमों के कट्टर नियमों के मुताबिक जीवन ज्ञापन के लिए दबाव बना रहा था। प्रतिदिन उस मासूम पर मानसिक दबाव बढ़ता गया। उसे उसके अपने भगवान, उसके संस्कार, उसके मूल धर्म से काटने की कोशिश की गई। यह मामला मात्र प्रेम-प्रसंग का नहीं है, अपितु एक सुनियोजित षड्यंत्र है जहाँ प्रेम की आड़ में मजहबी विस्तार का खेल खेला गया। ऐसे मामलों में मुस्लिम युवकों द्वारा जानबूझकर हिंदू लड़कियों को निशाना बनाना कोई नई बात नहीं। एक मासूम लड़की का जीवन, उसका नाम, उसकी आस्था सब कुछ मिटाकर एक नई पहचान थोप देना क्या यह सभ्य समाज की तस्वीर है? कुशीनगर पुलिस ने तत्परता दिखाई और इमरान को गिरफ्तार कर लिया है। अब आवश्यकता है कि ऐसे मामलों को मात्र "व्यक्तिगत" कहकर टालने के बजाय, इसे मजहबी कट्टरता के खतरनाक एजेंडे के रूप में देखा जाए। इस मासूम को इंसाफ तभी मिलेगा, जब समाज ऐसे झूठे प्यार के पीछे छिपे मतान्तरण के मकसद को पहचानकर एकजुट होकर खड़ा होगा।