तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य
ने 40 साल बाद आगरा के श्याम बिहारी मंदिर में ठाकुरजी के दर्शन किए तो वह
भावुक हो गए। रामभद्राचार्य ठाकुरजी की भक्ति में
ऐसे लीन हुए कि उनकी आंखों से आंसू निकल आए। भावुकता ऐसी कि पुष्टिमार्गीय
मंदिर गोबिंद जी महाराज में प्रभु के श्रीविग्रह से लिपटकर जगद्गुरू बहुत रोए। जगद्गुरु ने ठाकुरजी के श्रीविग्रह को जैसे ही स्पर्श किया, आंसू बरस पड़े। रोते हुए उलाहना दिया कि प्रभु जी, इतने समय बाद आपने दर्शन दिए। इतने दिनों बाद भक्त को याद किया। देखिए में आपसे मिलने आ गया। आपने हमें बुला ही
लिया।
प्रभु के लिए जगद्गुरु का ऐसा भाव देकर वहां मौजूद श्रद्धालु भी भावुक हो उठे। जगद्गुरु की मौजूदगी में मंदिर में करुणा पच्चीसी का पाठ किया गया, जो संत प्रेमनिधि द्वारा हस्तलिखित है।
संत मन प्रभु को निहारता रहा और दर्श में
देरी के उलाहने के साथ अश्रुधारा फूटती रही। उन्होंने मंदिर में मंगला आरती की।
चढ़ावा चढ़ाया और फिर आगरा आकर प्रभु दर्शन करने के संकल्प के साथ विदाई ली।
बताया गया है कि 40 साल पहले वर्ष 1983 में स्वामी रामभद्राचार्य महाराज इस मंदिर में आए
थे। तब उन्होंने यहां पर राम कथा की थी। रविवार सुबह रामभद्राचार्य महाराज फिर से
मंदिर पहुंचे। मंदिर में पहुंचते ही उन्होंने ठाकुरजी की प्रतिमा को प्रणाम किया
और उनके चरण स्पर्श किए।