जम्मू. केंद्र शासित प्रदेश में शांति व्यवस्था को भंग करने, घाटी में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वालों और आतंकियों को मदद पहुँचाने वालों के खिलाफ प्रशासन सख्ती दिखा रहा है. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने ऐसे ही तत्वों के खिलाफ एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए चार सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. इन कर्मचारियों में डॉ. निसार उल हसन (सहायक प्रोफेसर, मेडिसिन, SMHS अस्पताल), अब्दुल सलाम राथर (उच्च शिक्षा विभाग में लैब सहायक), अब्दुल माजिद भट (जम्मू-कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल) और फारूक अहमद मीर (शिक्षा विभाग में शिक्षक) जैसे लोग शामिल हैं.
प्रशासन ने चारों आरोपियों को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल पाया था. जाँच के दौरान आरोप सिद्ध होने के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने संविधान की धारा 311 (2) (सी) के तहत चारों सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉ. निसार-उल-हसन डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर (DAK) के स्वयंभू अध्यक्ष हैं, जो DAK को आतंकवादी-अलगाववादी संगठनों के सहायक संगठन के रूप में चला रहे थे. सलाम राथर पाकिस्तानी आतंकवादी साजिद का बहनोई है और फारूक अहमद मीर एक पूर्व आतंकवादी है जो पाकिस्तान प्रायोजित अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी के समूह हुर्रियत (जी) से भी जुड़ा था.
प्रशासन ने पिछले तीन वर्षों में राष्ट्र-विरोधी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए 56 कर्मचारियों को बर्खास्त करने के लिए भारत के संविधान की धारा 311 (2) (सी) का उपयोग किया है.