धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम ‘शताब्दी संघोष’ ने निर्वासित तिब्बत प्रशासन की सुरक्षा मंत्री डोलमा गैरी ने कहा कि मानसरोवर की मुक्ति भारत एवं तिब्बत का सामूहिक स्वप्न है। इस स्वप्न की प्राप्ति के लिए आरएसएस का देश प्रेम एवं इतिहास हमें प्रेरित करता है।
सुरक्षा मंत्री डोलमा गैरी ने कहा कि प्रत्येक तिब्बती भारत को आर्यभूमि कहता है, और आरएसएस आर्यभूमि के इतिहास एवं परंपरा का संवाहक है, इसलिए देश प्रेम का आरएसएस का दृष्टिकोण तिब्बतियों के लिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है। निर्वासित तिब्बतियों के अधिकारों एवं स्वतंत्रता के लिए संघ प्रारंभ से ही प्रयत्नशील है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र बौद्धिक शिक्षण प्रमुख हरीश जी ने कहा कि संघ ने 100 वर्ष के इतिहास में उपेक्षा एवं विरोध की लम्बी श्रृंखला का सामना किया है और अब उसे समाज का सहयोग प्राप्त होने लगा है। बढ़ते समाजिक सहभाग ने वैश्विक स्तर पर कई शक्तियों को हैरत में डाल दिया है। समाज के बढ़ते सहभाग से पैदा हुई ऊर्जा का सही उपाय उपयोग करने के लिए संघ ने पंच परिवर्तन का लक्ष्य लिया है। स्व बोध, कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्य और पर्यावरण संरक्षण को लेकर संघ ने भारतीय समाज को उसकी जड़ों से जोड़ने का प्रयास किया है। उन्होंने इस प्रयास से समाज के सभी नागरिकों को जुड़ने का आह्वान भी किया।
संघ के शताब्दी वर्ष और विजयादशमी के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में दाढ़ी मेला ग्राउंड से लेकर चरान चौक तक लगभग 625 स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में पथ संचलन किया। इसमें छोटे आयु के बाल स्वयंसेवकों का पथ संचलन आकर्षण का केन्द्र रहा। स्थानीय लोगों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। पथ संचलन से पहले अतिथियों ने शस्त्र पूजन किया।