संघ संस्मरण
21 मार्च, 1977 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगे प्रतिबंध को उठा लिया गया। और बालासाहब को जेल से रिहा कर दिया गया। जैसे ही वे बाहर आए, बालासाहब देश भर की यात्रा पर निकल पड़े। कांग्रेसियों के प्रति जनता में बहुत गुस्सा था, ऐसी परिस्थिति में मार्च 1977 में नागपुर में एक विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा“ प्रतिशोध के लिए कोई स्थान नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को इस जीत का श्रेय प्राप्त हुआ है। यह समय हमारे विशाल हृदय होने का है। हमें उनके दिलों को बदलने की आवश्यकता है, जिन्होंने हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया है।"
।। 5 सरसंघचालक, अरुण आनंद, प्रभात प्रकाशन, प्रथम संस्करण-2020, पृष्ठ- 136 ।।