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तपस्या की तकनीक से सुरक्षित होगा जीवन

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मेरठ, उत्तर प्रदेश

दूरदर्शी सोच, नवाचार गढ़ने का कौशल और नागरिक कर्तव्यों का बोध हो तो उम्र मायने नहीं रखती। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले की 11वीं कक्षा की छात्रा ने भी छोटी उम्र में बड़ा कमाल कर दिखाया है, छात्रा तपस्या ने बड़ी समस्या का हल निकाल दिया है। बुढ़ाना गेट स्थित सनातन धर्म स्कूल की छात्रा तपस्या ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जो बरसात के मौसम में अंडरपास में होने वाले जलभराव और उससे जुड़ी दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेगी। इस तकनीक का नाम है । “अंडरपास वॉटर लेवल इंडिकेटर”। तपस्या ने बताया कि बरसात के दौरान कई बार वाहन अंडरपास में फँस जाते हैं, कई बार हादसे भी हो जाते हैं। इन्हीं घटनाओं को देखकर उन्होंने सोचा, क्यों न ऐसा यंत्र बनाया जाए जो पानी के स्तर के बारे में पहले ही चेतावनी दे सके।


तपस्या अपने मॉडल के बारे में समझाते हुए बताती हैं कि “अगर पानी एक निश्चित स्तर से ऊपर चला जाता है, तो सेंसर अपने आप अलार्म बजा देता है या लाल लाइट जल उठती है, ताकि लोग वहाँ से गुजरने से पहले सावधान हो जाएँ।” तपस्या के इस प्रोटोटाइप में वॉटर सेंसर, अलार्म सिस्टम और इंडिकेटर लाइट लगाई गई है। मतलब जैसे ही पानी का स्तर बढ़ेगा, सिस्टम तुरंत अलर्ट कर देगा। तपस्या को इस इनोवेटिव मॉडल के लिए प्रदेश स्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका है... वहीं अब उन्हें कौशल और नवीन सोच के चलते नेशनल स्तर की प्रतियोगिता में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया गया है। राष्ट्रीय बाल विज्ञान, साइंस प्रदर्शनी का भोपाल में 18 से 23 नवंबर तक आयोजन होना है। जिसमें देश भर के ऐसे छात्र-छात्राओं के बनाए मॉडल जो कि अपने मौलिक और अनूठे प्रयास के कारण चुने गए थे, उन्हें शामिल होने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने न्योता भेजा है। जिसमें तपस्या बारिश के पानी से बचाव वाले अपने इसी मॉडल को प्रस्तुत करेंगी। तपस्या की इस छोटी सी पहल ने बड़ी सोच का परिचय दिया है। मेरठ की इस होनहार छात्रा का मानना है। अगर इस तकनीक को शहर के सभी अंडरपास में लगाया जाए, तो बरसाती हादसों पर लगाम लगाई जा सकती है साथ ही कई जिंदगियां भी बचाई जा सकती हैं।