प्लास्टिक
मुक्त
महाकुंभ
में
फोम
के
दोना,
गिलास
आदि
के
स्थान
पर
पत्तों
के
पत्तल,
दोना
और
कुल्हड़
का
किया
जाएगा
उपयोग।
इस
बार
महाकुंभ
में
लगभग
40 करोड़ श्रद्धालुओं
के
आने
का
लगाया
जा
रहा
है
अनुमान।
महाकुंभ
में
प्लास्टिक
के
प्रयोग
पर
प्रतिबंध
लगाने
के
लिए
सभी
सेक्टर
में
दोना,
पत्तल
की
खोली
जाएंगी
दुकानें।
इस बार महाकुंभ में विभिन्न राज्यों की लाखों महिलाओं को रोजगार मिलने वाला है। स्वच्छ महाकुंभ के जरिए संगम तट पर बसने वाली तंबूओं की नगरी को प्लास्टिक मुक्त बनाने की खास मुहिम चलाई जा रही है। इस मुहिम के जरिए ही प्लास्टिक और फोम के पत्तल दोना और गिलास आदि के स्थान पर पत्तों के पत्तल, दोना और कुल्हड़का किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार की इस पहल के द्वारा महिलाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे। पत्तों की प्लेट, कुल्हड़, जुट व कपड़े के थैले बनाने की जिम्मेदारी बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के साथ 28 जिलों की महिलाओं को सौंपी गई है। ये उत्पाद 86 जिलों के समूह की ओर से तैयार किए जा रहा हैं। स्वयं सहायता समूहों की लगभग 1.25 लाख महिलाओं को तैयार किया गया है।
इस
बार
महाकुंभ
में
लगभग
40
करोड़
श्रद्धालुओं
के
आने
का
लगाया
जा
रहा
है
अनुमान-
महाकुंभ में इस बार लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिसके अनुसार 60 करोड़ से अधिक पत्तल-दोना की आवश्यकता भी जताई जा रही है। ये पत्तल-दोना महाकुंभ में सप्लाई किए जाएंगे। इस कार्य के लिए मेला प्रशासन के साथ-साथ जिला प्रशासन को भी लगाया गया है। 2 IAS अधिकारियों के साथ 6 PCS अधिकारी इस मुहिम में शामिल किए गए हैं। महाकुंभ के विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राणा बनाए गए और CDO गौरव कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जो सप्लाई चेन देंगे, जिसे महाकुंभ में बिक्री कराई जाएगी। वे ही सुनिश्चित करेंगे कि यह सामान महाकुंभ में उपलब्ध रहे और सही तरह से इसकी बिक्री हो।
महाकुंभ
में
प्लास्टिक
के
प्रयोग
पर
प्रतिबंध
लगाने
के
लिए
सभी
सेक्टर
में
दोना,
पत्तल
की
खोली
जाएंगी
दुकानें
–
इस बार अखाड़ों, भंडारों और भोजन की जगहों पर प्लास्टिक का प्रयोग पूरी तरह से बंद रहने वाला है। इन स्थानों पर पत्तल और कुल्हड़ बहुत ही सस्ते दामों में मिलेंगे। इसके लिए प्रत्येक सेक्टर में 10 दुकानें खोली जाएंगी। लगभग 25 सेक्टरों में 250 दुकानें और शहर में 50 विशेष दुकानें खोले जाने का प्रयास हो रहा है। मेला प्रशासन अपने वाहनों के जरिए अखाड़ों और भंडारों तक थालियां भेजने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेगा।