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मैनपुरी के जंगली तोरई की विदेशों तक है डिमांड

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मैनपुरी, उत्तर प्रदेश 

जिस जंगली तोरई को लोग बेकार मानते थे, खाने लायक भी नहीं समझते थे, उसी से सिकंदरपुर गाँव के सिराज अजीज और उनके भाई जमीर ने लाखों की पक्की कमाई का रास्ता खोल दिया। आज उनकी बनाई हुई आर्गेनिक स्क्रब पैड न सिर्फ अमेजन पर बिक रही है अपितु अमेरिका, दुबई, नेपाल, चीन, जापान तक पहुँच रही है। इन भाइयों की मेहनत ने न सिर्फ उनका जीवन बदला, बल्कि गाँव के 50 लोगों को भी रोजगार दिया, जिनमें कई महिलाएँ भी आज आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। दोनों भाई पहले सब्जियों का व्यापार करते थे। दिल्ली की मंडी में एक व्यापारी ने उन्हें बताया कि जंगली तोरई से स्क्रब पैड बन सकता है। बस यहीं से खेल बदल गया। उन्होंने जिला उद्यान विभाग से जानकारी ली और छोटे पैमाने पर शुरुआत कर दी। अगर आप भी यह बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो तरीका बेहद आसान है। जंगली तोरई लाएँ, यह मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, कानपुर देहात, इटावा जैसे इलाकों से आसानी से मिल जाती है। अब तोरई को एक रात के लिए पानी में भिगो दें। अगले दिन निकालकर धूप में सुखाएँ। बीच से चीरें, अंदर से जाल जैसी बनावट निकाल लें। गूदे से पैड बनायें। इसे डाई (मोल्ड) में डालकर अलग-अलग आकार में काटें। अब इसे पैक करें और आपका ऑर्गेनिक स्क्रब पैड तैयार है। यह स्क्रब पैड दोबारा भी इस्तेमाल हो सकता है और शरीर का मैल पूरी तरह निकाल देता है। यही इसकी खासियत है। शुरुआत छोटे पैमाने पर घर में ही की जा सकती है। आपको चाहिए बस 2–3 बोरी जंगली तोरई जिसकी कीमत अमूमन  1,000–2,000 रुपये तक की है और इसके साथ मोल्ड यानी 10–15 हजार रुपए में आप अपना स्वयं का काम शुरू कर सकते हैं। आज स्क्रब पैड की डिमांड शहरों में बहुत ज्यादा है क्योंकि लोग ऑर्गेनिक और नेचुरल प्रोडक्ट्स पर भरोसा करते हैं। स्थानीय मेलों, दुकानों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (अमेजन, फ्लिपकार्ट) से बिक्री शुरू की जा सकती है। धीरे-धीरे आप भी लाखों का टर्नओवर हासिल कर सकते हैं।