भोपाल. मध्यभारत के १६ जिलों के सभी जिला मुख्यालयों पर संदेशखाली के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर मातृशक्ति ने प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के पश्चात राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. इस अवसर पर राजधानी भोपाल में भी घटना के विरोध में हिन्दू समाज की महिलाओं ने रौशनपुरा चौराहे पर आरोपियों व पश्चिम बंगाल सरकार के रवैये के खिलाफ प्रदर्शन किया. उसके पश्चात मार्च करते हुए राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. बंगाल में जनजातीय समाज और महिलाओं पर जारी अत्याचार और उत्पीड़न के विरोध में पद्मश्री दुर्गाबाई सहित समाज की कई प्रबुद्ध महिलाएं प्रदर्शन में उपस्थित रहीं.
महिलाओं के शोषण के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के शोषण और अमानवीय अत्याचारों की कड़ी निंदा करते हैं एवं आक्रोश प्रकट करते हैं. शासन से आरोपियों के विरुद्ध कड़े कदम उठाने की मांग करते हैं ताकि महिलाओं की अस्मिता सुरक्षित रह सके.
पश्चिम बंगाल में महिला उत्पीड़न की घटनाएं अत्यंत खेदजनक एवं मानवता को शर्मसार कर देने वाली हैं. यह गंभीर विषय है. बंगाल की मुख्यमंत्री महिला होने के बाद भी मूक बनी हुई हैं. पिछले कुछ वर्षों से 24 परगना जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में सामाजिक तानाबाना छिन्न-भिन्न होता दिखाई दे रहा है. अराजकता का माहौल, असामाजिक तत्वों की सक्रियता, अवैध घुसपैठ, जनसंख्या असुन्तलन का प्रयास राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हानिकारक है. उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, इन सभी संस्थाओं द्वारा कड़े शब्दों में लताड़े जाने के बाद भी राज्य सरकार की ओर से कोई कार्यवाही नहीं होना और अपराधियों को पकड़ने का प्रयास भी न करना, बल्कि पूरे मामले को सांप्रदायिकता का रंग देना राज्य सरकार की पक्षपातपूर्ण मानसिकता को दर्शाता है. राज्य प्रशासन महिलों की रक्षा करने और उन्हे न्याय दिलाने मे असफल रहा है.
सभ्य समाज का मस्तक लज्जा से झुका देने वाली ऐसी स्थिति का समस्त महिला समाज पश्चिम बंगाल सरकार की आक्रोशपूर्वक निंदा करता है. केंद्र सरकार, पुलिस एवं जांच एजेंसियों से निवेदन करता है कि अपराधियों को कठोर दंड दिया जाए.