मेरठ. विश्व हिन्दू परिषद के अखिल भारतीय सह मंत्री व प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि समय की मांग है कि हमारे विचार एवं प्रचार के प्रवाह को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना होगा. राष्ट्रदेव पत्रिका इस क्षेत्र में संजीवनी जैसा कार्य कर रही है. राष्ट्रदेव हमारे चिंतन, संस्कृति एवं मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है, इसलिये मैं कह सकता हूं कि राष्ट्रदेव का विचार प्रवाह सनातन है. विजय शंकर राष्ट्रदेव पत्रिका के ‘हिन्दुत्व’ विषय पर आधारित विशेषांक के विमोचन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि पत्रिका के विशेषांक का विषय हिन्दुत्व रखना समसामयिक है. इतिहास पर नजर डालें तो ध्यान में आता है कि 610 ई. से पूर्व कोई भी देश इस्लामिक नहीं था. आज दुनिया में 57 देश इस्लामिक हैं. भारत में सैकड़ों वर्षों तक राज करने के बाद अनेकानेक अन्तरराष्ट्रीय शक्तियां अपने कुचक्रों के बावजूद भारत को उसकी जड़ से अलग नहीं कर पाईं. इसका सीधा सा तात्पर्य है कि भारत की संस्कृति सनातन है. भारत के मूल में हिन्दुत्व है जो हमें इससे चिरंतर जोड़े हुए है. हमारे वेदों में जीवन की सभी पद्धतियों का विस्तार से वर्णन है. उपनिषदों में दिया गया दर्शन सनातन है. हमारी पद्धतियां अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन चिंतन का मूल स्वभाव एक है. उन्होंने बौद्ध, जैन मत का उदाहरण देते हुए कहा कि यह मत भी हमारे वेदों और उपनिषदों की अनेक बातों का अनुसरण करते हैं.
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं दिव्य ज्योति जागृति संस्थान मेरठ की संयोजिका साध्वी आर्या भारती ने कहा कि हमारी जड़ सनातन है. हिन्दुत्व हमें बाहरी आडम्बरों से हटाकर आतंरिक सुदृढ़ता प्रदान करता है. आज भारत के प्रत्येक व्यक्ति को ब्रह्मज्ञान की आवश्यकता है. हमें स्व को पहचानकर अपनी संस्कृति को सम्बल प्रदान कर समाज के हर वर्ग से जोड़ना होगा. जात-पात को समाप्त कर आत्मिक रूप से एक होकर अपने लक्ष्य को संकल्पबद्ध होकर पूरा करने का समय आ गया है.
राष्ट्रदेव पत्रिका के सम्पादक अजय मित्तल ने कहा कि राष्ट्रदेव का पिछले 37 वर्षों से प्रकाशन हो रहा है. हमारा प्रयास रहता है कि हम भारतीय संस्कृति के हर पहलू को अपने पाठकों तक पहुंचाएं. विशेषांक का विषय हिन्दुत्व रखने का मूल कारण है कि हिन्दुत्व भारत का मूल स्वभाव है. इसके बिना भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती. भारत और हिन्दुत्व शरीर और आत्मा की तरह एक साथ जुड़े हैं.
कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं विश्व संवाद केन्द्र न्यास के अध्यक्ष श्यामबिहारी लाल ने सभी अतिथियों एवं कार्यक्रम में उपस्थित प्रबुद्धजनों का आभार व्यक्त किया. कार्यक्रम का संचालन महानगर सह-प्रचार प्रमुख सुनील कुमार सिंह ने किया.