मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश
मुरादाबाद का मौलाना जुल्फिकार 9 और 10 साल के मासूम नाबालिग बच्चों को प्रतिदिन कमरे में बुलाता था, कपड़े उतरवाता, पैर दबवाता और फिर उनके जिस्म से खेलता था। फिर धमकी देता – “किसी को बताया तो घर जला दूंगा।” अब खुद ही सोचिए, जो इंसान पढ़ाने की जगह बच्चों को नोचता हो वो मौलाना होगा या नरपिशाच? ऐसी घटनाओं के बाद भी क्या अब भी किसी को शक है इन मौलवियों की घिनौनी मानसिकता पर ? अगर इस मौलाना की मानसिकता ऐसी है तो यह अपने आसपास रह रहे लोगों को कैसी तालीम देता होगा.. यह ऐसी हवस का उदाहरण है जहां कभी बच्चा तो कभी जानवर तो कभी औरत, यहाँ तक की ये लोग अपने घरों की बहन-बेटियों तक को नहीं छोड़ते। यह हिंसक और वेहशी विचारधारा है, जो हवस को जिहाद बना चुकी है। जो औरतों को गुलाम, बच्चों को आतंकी और जानवरों को हलाल समझते हैं। अगर अब भी हम चुप रहें और ऐसी जिहादी कृत्यों के खिलाफ आवाज नहीं उठायी तो जल्द ही हर गली में मौलाना जुल्फिकार खड़ा मिलेगा.. जो आपके बच्चों पर हवस की निगाह रखेगा । ये मौलाना नहीं, नापाक हैवान है – जिसकी सोच हवास से भरी हुई है ।