वीरांगना रानी दुर्गावती जी के
5 अक्टूबर 1524 - 24 जून 1564
रानी दुर्गावती महोबा के प्रसिद्ध चंदेल वंश में कालिंजर किले में दुर्गा अष्टमी के दिन जन्मी थीं। उनका विवाह मध्य भारत के गढ़ा-कटंगा के गोंड राजा से हुआ था। पति की अकाल मृत्यु के पश्चात उन्होंने अपने राज्य पर कुशलतापूर्वक शासन किया। जब मुगल आक्रमणकारियों ने उनके राज्य पर कुदृष्टि डाली तो उन्होंने अपने शौर्य और पराक्रम से उनका डटकर सामना किया और उन्हें अनेक बार पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। एक युद्ध में जब वे आक्रमणकारियों से घिर गयी तब उन्होंने शत्रुओं के हाथ जीवित आने की अपेक्षा मातृभूमि की रक्षा करते हुए स्वयं प्राणोत्सर्ग किया। उनका जीवन चरित्र आज भी बुन्देली लोकगीतों में नई पीढ़ियों को प्रेरणा दे रहा है।