गिरिजाशंकर भगवानजी बधेका जी की
15 नवम्बर 1885 - 23 जून 1939
गिजुभाई नाम से प्रसिद्ध
गिरिजाशंकर भगवानजी, महान शिक्षाशास्त्री थे। शिशु स्कूलों में पाश्चात्य शिक्षा
प्रणाली को देखकर उन्होंने आधुनिक स्वदेशी शिक्षा प्रणाली विकसित करने का संकल्प
लेकर वकालत छोड़ दी और शिशु एवं बाल शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सर्वप्रथम उन्होंने भावनगर में 'दक्षिणमूर्ति' नाम से एक छात्रावास की स्थापना की। उन्होंने राजकोट में 'अध्यापक मंदिर' की स्थापना भी की। बालकों
हेतु भारत केन्द्रित शिक्षा को समर्पित गिजुभाई ने एक कर्मयोगी के रूप में माँ
भारती की सेवा की।