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हिजबुल्लाह के समर्थन में अल्पसंख्यक समुदाय, विरोध में उतरा संत-समाज

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‘भारत की सम्प्रभुता और अखंडता के खिलाफ किया गया कोई भी काम स्वीकार नहीं’

अमेठी। आतंकी संगठन हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद से ही भारत में राजनीति तेज हो गई है। देश के विभिन्न हिस्सों में हिजबुल्लाह के समर्थन पर रैली निकाली जा रही है और नारेबाजी की जा रही है। 

हिजबुल्लाह संगठन के समर्थन में जुलूस निकालने का संत-समाज ने तीखी आलोचना की है, साथ ही इसे देश का माहौल खराब करने वाला कृत्य बताया है।

अमेठी के जायस कस्बे में अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा गत दिनों हिजबुल्लाह कमांडर के समर्थन में निकाले गए कैंडिल मार्च को लेकर सगरा आश्रम के पीठाधीश्वर मौनी बाबा ने वीडियो संदेश जारी कर इस घटना पर नाराजगी जताई है, साथ ही प्रशासन से बिना अनुमति जुलूस निकालने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इसके साथ ही चित्रकूट धाम के कामतानाथ जी मंदिर प्रमुख पीठाधीश्वर मदन दास जी महाराज ने भी घटना की तीखी आलोचना की है।

मदन दास जी महाराज ने प्रेरणा मीडिया से बात करते हुए कहा कि हिजबुल्लाह का भारत में कोई स्थान नहीं है। भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता के खिलाफ किया गया कोई भी काम स्वीकार नहीं है। भारत में रहने वाले सभी भारतीय है। उन्हें भारत के हिसाब से चलना होगा। जिन लोगों का भारत के प्रति कोई योगदान नहीं है, ऐसे लोगों के समर्थन में  रैली निकालना दुर्भाग्यपूर्ण कार्य है। हम इस कृत्य की निंदा करते है। 

उन्होंने आगे कहा कि भारत के खिलाफ कार्य करने वाला वाला कोई भी व्यक्ति भारतीय नहीं हो सकता। जो व्यक्ति भारत में रहता है, यहाँ का खाना खाता है और गुणगान विदेश का करता हो, ऐसा व्यक्ति हमें स्वीकार नहीं हैं।

इसके साथ ही सगरा आश्रम के पीठाधीश्वर मौनी बाबा ने अपने जारी बयान में कहा कि जो आतंकवादी संगठन है, उसके समर्थन में यहां के लोग जुलूस निकल रहे हैं। इससे स्पष्ट हो रहा है कि जो आतंकवादी संगठन के लोग बैठे हैं, उनके गुर्गे यहां भी निवास कर रहे हैं। इस प्रदर्शन से यह लगता है कि यहां पर एक जिहादी माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है। 

उन्होंने आगे कहा कि इस घटना से स्थानीय लोगों में भय का माहौल है। साथ ही उन्होंने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि, मैं प्रशासन से और सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग करता हूं। ऐसी कार्रवाई की जाए कि दोबारा इस कार्य को करने का दुस्साहस कोई भी न कर पाए।

उल्लेखनीय है कि जायस कस्बे में दो दिन पूर्व अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने इस्राइली हमले में मारे गए हिजबुल्लाह कमांडर हसन नसरल्लाह के समर्थन में नारेबाजी करते हुए कैंडल मार्च निकाला था। जिसके बाद घटना की लगातार आलोचना होने लगी। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने केस दर्ज कर इस मामले में आठ लोगों को जेल भी भेजा है।

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