वाराणसी की अशोक विहार कॉलोनी में एक नर्सिंग होम है, जहां की डोक्टर नर्सिंग होम में बेटी होने पर कोई शुल्क नहीं लेती हैं. डॉ शिह्प्रा के अस्पताल में एक बार डेलिवरी के लिए एक गर्भवती महिला आई. महिला की डिलीवरी अच्छे से हो गई , लेकिन डिलीवरी के बाद महिला का परिवार खुश होने के स्थान पर मायूस हो गया. वास्तव में कारण बस उनकी सोच ही थी. दरअसल महिला ने बेटी को जन्म दिया था जबकी परिवार तो घर के चिराग का इन्तजार कर रहा था. यही संकीर्ण मानसिकता ही परिवार की उदासी का कारण थी. तब डॉ शिप्रा ने परिवार को समझाया की बेटी बोझ नहीं होती है और फिर उन्होनें परिवार से बेटी के पैदा होने पर कोई शुल्क नहीं लिया. बस तभी से उन्होनें समाज की मानसिकता को बदलने के लिए कभी नर्सिंग होम में कन्या का जन्म होने पर कोई शुल्क नहीं लेने का निर्णय किया. डॉ शिप्रा के प्रयास की पीएम मोदी भी सराहना कर चुके हैं.
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नवरात्री विशेष: काशी की डोक्टर कन्या के पैदा होने पर नहीं लेती कोई फीस
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