शाहजहांपुर जेल में शिक्षा की नई रोशनी
शाहजहांपुर कारागार में चार बंदियों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा में सफलता पाकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। जेल में हाई स्कूल की परीक्षा में बंदी दानिश खान ने 74 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रथम श्रेणी में सफलता पाई है। वही बंदी दलबीर ने 71 प्रतिशत और धर्मेंद्र ने 67 प्रतिशत अंकों के साथ हाई स्कूल पास किया हैं।
जेल की दीवारों के पीछे कैदियों की सोच अब बदल रही है । वो अपनी पुरानी गलतियों को सुधारने के लिए किताबों का सहारा ले रहे हैं और शिक्षा के माध्यम से एक नए जीवन की ओर कदम बढ़ा रहे हैं । जी हां ऐसा ही कुछ देखने को मिला हैं शाहजहांपुर कारागार में जहां चार बंदियों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा में सफलता पाकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, और ये प्रमाणित कर दिया हैं की अगर मन में कुछ करने की ललक हो तो वो तमाम मुश्किलो के बाद भी पूरी की जा सकती हैं। जानकारी के अनुसार जेल में हाई स्कूल की परीक्षा में बंदी दानिश खान ने 74 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रथम श्रेणी में सफलता पाई है। वही बंदी दलबीर ने 71 प्रतिशत और धर्मेंद्र ने 67 प्रतिशत अंकों के साथ हाई स्कूल पास किया हैं। वहीं, बंदी अजीत सिंह ने इंटरमीडिएट परीक्षा में 45 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर द्वितीय श्रेणी में सफलता प्राप्त की है।
इसी कड़ी में जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया कि जेल में बंदियों को निरक्षर से साक्षर बनाने के लिए शिक्षा का बेहतर वातावरण दिया जा रहा है । जिससे वो कुछ कर पाए, वही परीक्षा में सफल बंदियों को जेल अधीक्षक ने अपने हाथों से मिठाई खिलाकर सम्मानित किया और आगे की पढ़ाई के लिए शुभकामनाएं दीं । बता दे जेल में शिक्षा के इन प्रयासों से यह स्पष्ट है कि, कारागार केवल दंड काटने का स्थान नहीं, बल्कि सुधार और पुनर्वास का भी केंद्र है। कैदियों की बढ़ती शिक्षा में रुचि से ये आशा की जा सकती है कि वो बाहर निकलकर समाज में एक सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।