कहते हैं सपने देखने का हक़ सभी का होता है। आप और हम सभी सपने देखते हैं, सपने अपने भविष्य के, सपने अपनी सफलता के...लेकिन हमारे बीच ही कुछ ऐसे लोग भी मिल जाते हैं जो सपने देखने के साथ ही उन्हें पूरा करने के लिए जूझना जानते हैं। ऐसे ही एक युवा हैं नोएडा के रहने वाले 18 वर्षीय सन्नी कुमार। जो आजकल चर्चा में हैं और उनकी चर्चा हो रही है उनकी उपलब्धि राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा नीट में उनकी सफलता को लेकर।
आप सोच रहे होंगे कि नीट की परीक्षा तो बहुत से छात्र पास करते हैं, सन्नी में ऐसा क्या है जिसने उन्हें चर्चा के योग्य बना दिया। उनके पिता की समोसे बेचने की दुकान है जहाँ वे भी अपने पिता का हाथ बंटाते हैं। स्पष्ट है कि सन्नी एक साधारण से मध्यमवर्गीय परिवार से हैं जिनके लिए नीट की तैयारी करना किसी चुनौती से कम नहीं होता। सन्नी ने न केवल इस चुनौती को स्वीकार ही किया बल्कि 720 में से 664 अंक प्राप्त कर इसमें सफलता प्राप्त की।
एक समोसे बेचने वाले के बच्चे ने अपने संकल्प के बल पर जो कर दिखाया वह अन्य छात्रों को प्रेरणा देने वाला है। आपको जानकार हैरानी होगी कि एक समोसे बेचने वाले छात्र में डॉक्टर बनने का विचार आखिर कहाँ से आया। सन्नी बताते हैं कि उन्होंने अक्सर लोगों को सिर दर्द से परेशान होते हुए देखा और यह भी देखा कि दवा या औषधि लेने पर उन्हें आराम भी मिल जाता है, उन्हें भी काम करते करते सर दर्द होने पर वे दवा लेकर काम करते थे।
आखिर दवा शरीर में जाकर ऐसा क्या कर देती है कि दर्द से राहत मिल जाती है। बस इसका उत्तर खोजने के लिए ही उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में जाने का दृढ संकल्प कर लिया। सन्नी की पढ़ाई के प्रति रुचि और डाक्टर बनने की ललक को देखते हुए एक समाजसेवी ने उन्हें छह लाख रुपये की मदद और मेडिकल कालेज में ट्यूशन फीस जमा करवाने का आश्वासन दिया है। सन्नी जैसे युवा ही इस देश का भविष्य हैं जिनके संकल्प के सामने विपरीत परिस्थितियां भी हार मान जाती हैं।