भारत में छात्रों को शिक्षा प्रदान कराने के लिए नई नई विधियां व प्रणालियाँ प्रदान की जाती है. जिससे विदेशों में जाकर उन्हें उच्चस्तरीय शिक्षा प्राप्त हो और वे अपने परिवार व देश का नाम को आगे बढ़ा सकें. इसी प्रयास के साथ रुडेलखंड विश्विद्यालय और रॉयल कॉलेज ऑफ़ भूटान के बीच समझौता हुआ कि इसके जरिए भविष्य में विद्यार्थियों की अदला बदला संभव हो सकेगी.
साथ में भूटान के नोरबुलिंग रिंग्टर कॉलेज में अंतराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ. मुख्य अतिथि कुलपति के. पी सिंह, जिन्होनें भारतीय दूतावास के रूप में उपस्थित शामिल हुए. भूटान के विभिन्न शैक्षिक संस्थाओं के साथ एमओयू करने पर चर्चा की गयी थी. इसमें ऑनलाइन मोड़ 100 ऑफलाइन मोड़ में 15 से ज्यादा शोध पत्रों का प्रस्तुतिक्र्ण किया गया.
आपको बता दें कि पैनल डिस्कशन व शोधपत्र में रुविवी, दुबई, भूटान, नेपाल, दिल्ली, प्रयागराज, बीएचयु, गोरखपुर, मुंबई विश्विद्यालय, राजस्थान व मोतिहारी के विशेश्यग्य शामिल हुए थे. पत्रों के प्रस्तुतिकरण में डॉ. प्रिया सक्सेना, डॉ. चारू मेहरोत्रा, डॉ. अनुराग अग्रवाल, डॉ. त्रिलोचन शर्मा, डॉ. अमित सिंह, प्रो. अनुपमा मेहरोत्रा ने इस पर अपने अपने सुझाव प्रस्तुत किए.
इस सम्मेलन में भूटान की रॉयल यूनिवर्सिटी, इंडो – गल्फ मैनेजमेंट एसोसिएशन युएई, जॉन करोल यूनिवर्सिटी यूएसए, ग्लोबल कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट नेपाल आदि विश्विद्यालयों का सहयोग देखने को मिला.
विश्विद्यालयों में आयोजित इन सम्मेलनों के माध्यम से छात्रों को शिक्षा के नए नए अवसर प्राप्त होते रहते हैं. अपने देश में शिक्षा ग्रहण करने के साथ साथ उन्हें विदेशो में भी उच्च स्तर की शिक्षा ग्रहण प्रदान किए जाते रहते हैं, जिस्स्र वे अपने देश के नाम को आगे ले जा सकें.