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रामनवमी पर मुस्लिम महिलाओं ने उतारी श्रीराम की आरती, बोलीं- 'धर्म बदलने से न पूर्वज बदल सकते है, न मातृभूमि।

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काशी के लमही स्थित सुभाष भवन में मुस्लिम महिलाओं ने ने श्रीराम और माता जानकी की आरती उतारी। मुस्लिम महिलाओं की भगवान श्रीराम के प्रति आस्था, आरती उतार कर पूजा की। मुस्लिम महिलाओं ने रामजी के जन्मोत्सव पर सोहर गाये और सबको बधाई दी। ढोल की थाप पर मुस्लिम महिलाओं के मुख से निकला सोहर भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। नाजनीन अंसारी ने कहा कि कन्वर्जन से न पूर्वज बदल सकते हैं, न मातृभूमि और न ही पूर्वजों के भगवान। जब तक हमारे पूर्वज भगवान राम के नाम से जुड़े थे तब तक दुनिया में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। अब लोग शक की दृष्टि से देखते हैं। हम जड़ों से जुड़े रहेंगे तो हमारा सम्मान बना रहेगा। भारतभूमि सनातनी परम्पराओं की सदियों से है। यहां जो भी है सभी हिन्दू और सनातनी संस्कारों के ही हैं।

मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की जिलाध्यक्ष रजिया सुल्ताना ने कहा कि हम सभी के पूर्वज एक हैं। हमारे संस्कार में नफरत नहीं मोहब्बत डाला गया है। इसलिये भारतीय संस्कृति की पैरोकारी हम कभी छोड़ेंगे नहीं।