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15 हजार रुपये से शुरू हुआ मोती का कारोबार, 700 महिलाओं के लिए बना रोजगार का साधन

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आगरा, उत्तर प्रदेश

अगर कोई कार्य पूरी निष्ठा और मेहनत से किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है। ऐसा ही कुछ हुआ है आगरा की रुचि के साथ। जी हाँ, रुचि ने यह सिद्ध कर दिया कि सच्ची लगन हो तो छोटे से कारोबार को बड़े उद्योग में बदला जा सकता है। बताते चलें कि दिल्ली की रहने वाली रुचि की शादी वर्ष 2007 में आगरा के जरार बाह गाँव के सत्यवीर से हुई। उनके पति कपड़ों का थोक कारोबार करते हैं, लेकिन रुचि को भी कुछ अपना करने की इच्छा थी। वह कृष्णा स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं। साल 2019 में समूह को 15 हजार रुपये की पहली किस्त मिली, तब रुचि ने काम शुरू करने का सोचा। रुचि ने अन्य महिलाओं को बताया कि उनके मायके में मोतियों की माला बनाने का काम होता है और उन्हें इसका अच्छा अनुभव है। महिलाओं ने उनके विचार का समर्थन किया और साथ मिलकर मोतियों का काम शुरू किया। 15 हजार रुपये से मोती और बाकी सामग्री खरीदी गई और वहीं से कारोबार की शुरुआत हुई।

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धीरे-धीरे यह कारोबार इतना बढ़ा कि आज देशभर में इसकी पहचान है। रुचि का मोती की माला बनाने का काम आज करीब 700–800 महिलाओं के लिए रोजगार का साधन बन गया है। महिलाएं इस काम से हर महीने 10 से 20 हजार रुपये कमा रही हैं। स्वयं रुचि भी 30–35 हजार रुपये मासिक कमा लेती हैं और परिवार की अच्छी तरह देखभाल कर रही हैं। आज के समय में रुचि की सफलता समाज के लिए प्रेरणा बन गई है। अगर मेहनत, लगन और पूरी निष्ठा से कार्य किया जाए तो आपको किसी का मोहताज होना नहीं पड़ेगा।