उत्तराखण्ड की लोक कला ऐपण को आज देश विदेश तक जाना जाता है यहां की संस्कृति का हर कोई कायल है। अल्मोड़ा में भी लगातार लोक कला ऐपण को बढ़ावा दिया जा रहा है और यहां पर बच्चों और महिलाओं के द्वारा सुंदर-सुंदर ऐपण उत्पाद बनाए जा रहे हैं।
यही कारण है कि उत्तराखण्ड की लोक कला ऐपण हर क्षेत्र में अब आगे दिख रही है जल्द ही यह दिल्ली में एक विवाह समारोह में आने वाले अतिथियों को भेंट भी की जाएगी। इसमें विशेष बात ये है कि इस ऐपण कला में आपको केदारनाथ मन्दिर और जागेश्वर धाम समूह की झलक भी देखने को मिलेगी। दिल्ली से मिले इस आर्डर से उत्साहित एनजीओ से जुड़ी महिलाएं और बालिकाएं पूरे जोर-शोर से इसको बनाने में लग गई है।
छात्रा भावना कनवाल ने बताया कि उन्हें सबसे अच्छा यह लग रहा है की अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम और केदारनाथ मन्दिर को ऐपण कला के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। छात्र गीतांजलि रावत ने बताया कि उत्तराखण्ड की पारम्परिक कला को जिस प्रकार रोजगार से जोड़ा जा रहा है वह उत्साहित करने वाला है। इससे महिलाओं को रोजगार तो मिल ही रहा है साथ ही उत्तराखण्ड की पारम्परिक लोक कला से देश के लोग परिचित भी हो रहे हैं।
सच तो यह है कि सनातन संस्कृति में पूजा पद्धति, संस्कार और मानव जीवन से सम्बन्धित उन सभी विषयों का समावेश है जिससे कि मानव अपना कल्याणपूर्ण जीवन जी सके।
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दिल्ली में छाया उत्तराखण्ड के ऐपण का जादू! शादी में अतिथियों को किया जाएगा गिफ्ट
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