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बरेली में इस्लाम छोड़कर निशा बनी, राधिका बोली इस्लाम में हैं कई कुप्रथाएं

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बिजनौर की मुस्लिम समुदाय की एक लड़की निशा ने अइस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू रीति रिवाज से बरेली के अगस्त मुनि आश्रम में शादी कर ली. करीब 5 साल तक चले प्रेम प्रसंग के बाद दोनों ने  बरेली में सात फेरे लिए, प्रेमी जोड़ा बिजनौर के अलग-अलग थाना क्षेत्र का रहने वाला है. निशा ने बताया कि शादी से पहले उसके परिवार वाले मारपीट करते थे. उसके घरवाले बोझ समझते थे. शादी में दहेज को लेकर अक्सर ताने मारते थे. निशा का कहना है कि इस्लाम में कई कुप्रथाएं हैं, जिससे महिलाओं को सम्मान नहीं दिया जाता.

दोनों अगस्त मुनि आश्रम पहुंचे जहां उन्होंने आश्रम के पंडित के के शंखधार मुलाकात कर हिंदू रीति रिवाज से शादी करने का अनुरोध किया. कागजी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बरेली के अगस्त मुनि आश्रम में शनिवार की शाम को बिजनौर के रहने वाले प्रेमी जोड़े निशा और राजेश कुमार की हिंदू रीति रिवाज से शादी कर दी गई. शादी के बाद दोनों जमकर डांस करते नजर आए.

इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू रीति रिवाज से अपने प्रेमी राजेश कुमार से शादी करने वाली निशा उर्फ राधिका का कहना है कि, उसके घर वाले उसको काफी परेशान करते थे और उसे अपने प्रेमी से मिलने के बाद हिंदू धर्म में आस्था बढ़ गई थी. इसलिए वह अब हिंदू धर्म को अपनाकर अपनी प्रेमी के साथ रहना चाहती है.