मथुरा के वृंदावन में स्थित केशव धाम में 7 दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया है। केशव धाम में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय केंद्र में श्री राम कथा का शुभारंभ व्यास पीठ पूजन से हुआ। राम कथा के शुभारंभ से पहले केशव धाम में कलश यात्रा निकाली गई। पीत वस्त्र धारण किए महिलाएं सर पर कलश धारण किए हुए चल रही थीं। इस दौरान भक्त भजन कीर्तन करते हुए चल रहे थे। राधा कृष्ण मंदिर से शुरू हुई कलश यात्रा का पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय केंद्र पहुंच कर समापन हो गया।7 दिवसीय श्री राम कथा के शुभारंभ पर पहुंची साध्वी ऋतम्भरा ने व्यास पीठ का पूजन किया। व्यास पीठ पर विराजमान अतुल कृष्ण भारद्वाज के आचार्यत्व में वैदिक मंत्रों के मध्य साध्वी ऋतम्भरा,नारायण दास अग्रवाल,महेश खंडेलवाल,कृष्ण मुरारी अग्रवाल,लोकेश पाठक और बबिता पाठक ने पूजन अर्चन किया।
रामकथा के शुभारंभ अवसर पर पहुंची साध्वी ऋतम्भरा ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि रामकथा मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाती है। किस तरह से मित्रता की जाए,माता पिता की सेवा करना,बुजुर्गों का सम्मान और परिवार में प्रेम और सामंजस्य कैसे बनाया जाए यह श्री राम कथा सिखाती है। साध्वीऋतम्भरा ने कहा कि पूजन, पाठन,हवन यज्ञ आदि सत्कर्म है। काम,क्रोध, मद,लोभ,ईर्ष्या,द्वेष के कारण भगवत भजन ,सत्कर्म में मन नहीं लगता। व्यसनों से मन हटाकर समाज की सेवा और सत्संग जैसे अच्छे कार्यों में मन लगाना चाहिए।