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रिटायर्ड जज ने बेटे की याद में खोला नि:शुल्क कोचिंग संस्थान, बने दूसरों के लिए प्रेरणा

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मेरठ,यूपी

मेरठ के रहने वाले रिटायर्ड जज डॉक्टर ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा के जवान बेटे एडवोकेट प्रणब वशिष्ठ की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. इससे रिटायर्ड जज डॉ. ज्ञानेंद्र शर्मा को गहरा सदमा पहुंचा लेकिन उन्होंने इससे उबरते हुए एक नेक काम किया।


हमारे जीवन में ऐसी कई घटनाएं हो जाती हैं, जिससे हम अंदर से बिल्कुल बिखर जाते है, हालांकि समय के साथ हमें उसे स्वीकार करके आगे बढ़ना होता है, क्योंकि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है, चीजें बदलती हैं, और हमें परिवर्तन के साथ स्वयं को ढालना होता है, और ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, मेरठ के रिटायर्ड जज डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने, जिन्होंने अपना एकलौता बेटा दुर्घटना में खो दिया। लेकिन इस पीड़ा से बाहर आकर रिटायर्ड जज ने स्वर्गीय बेटे के स्मरण में एक सराहनीय कदम उठाया है, जी हां रिटायर्ड जज ने प्रणब वशिष्ठ ज्यूडिशियल एकेडमी एंड ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत की है। इस सेंटर का उद्देश्य गरीब और आवश्यकताग्रस्त परिवारों के युवाओं को न्यायिक सेवाओं की तैयारी करने का अवसर देना है, ताकि वो भी अपने सपनों को पूरा कर सके।

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जानकारी देते हुए डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि इस एकेडमी में गरीब परिवार से जुड़े छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क कोचिंग सहित अन्य सुविधाएं दी जाएंगी,  ताकि वो इस क्षेत्र में आगे बढ़कर अपने भविष्य को संवार सकें, चूंकि वो खुद मध्यम परिवार से आते हैं, इसलिए गरीब परिवारों की कठिनाइयों को अच्छी तरह समझते है। ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा की यह पहल सच में प्रेरणादायक है , जिन्होंने अपने दुख से उबरकर दूसरों के लिए सोचा और समाज के उत्थान के लिए आगे आए, क्योंकि अपने दुख में भी दूसरो के लिए भला सोचना ही मानवता कहलाता हैं।