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रूस के मनोवैज्ञानिक एंटोन एंड्रीव ने काशी में अपनाया सनातन धर्म, दीक्षा लेकर बने अनंतानंद

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विश्व में सनातन धर्म की पहचान रखने वाले धर्म की नगरी काशी एक बार फिर सनातन धर्म से लोगों को जोड़कर उनके जीवन में बदलाव ला रही है।  रूस और यूक्रेन के युद्ध से परेशान रुस के मनोवैज्ञानिक एंटोन एंड्रीव ने ईसाई धर्म त्याग कर विधि-विधान से सनातन धर्म अपना लिया। अब वह एंटोन एंड्रीव से अनंतानंद नाथ बन गए। हिंदू धर्म में परिवर्तन करने के बाद गुरु मंत्र और गोत्र कश्यप मिला। एंटोन एंड्रीव पेशे से मनोवैज्ञानिक है और अक्सर भारत की यात्रा करते रहते है। उन्होनें परमात्मा की शरण में जाने, उनसे मिलने और उच्च साधना के लिए सनातन धर्म की दीक्षा ली है।

 हिंदू धर्म की दीक्षा देने के बाद पंडित आशापति शास्त्री ने बताया कि दुनिया में यूक्रेन और रूस से दीक्षा लेने वालों की संख्या काफीअधिक है। गुरु वागीश शास्त्री और उनके द्वारा अब तक 80 देशों के 15 हजार विदेशी शिष्यों को दीक्षा दी गई है। दीक्षा लेने की परंपरा 1980 में शुरू की गई थी। जो व्यक्ति पात्र है, उसी को दीक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि यह सनातन धर्म और काशी की मिट्टी की शक्ति है, जिसने दुनिया में सनातन धर्म को पँहुचाया।