आज पहाड़ी क्षेत्र के लोग नौकरी के लिए पलायन करने के स्थान पर स्वावलंबी बन आत्मनिर्भरता से जीवन यापण करने की और बढ़ रहे हैं. छोटे छोटे स्वयं सहयता समूह से जुड़कर कुछ नया सीख रहे हैं वहीँ कई लोग ऐसे भी हैं जो अपनी ही कला को आय का माध्यम बना रहे हैं. नैनीताल के मल्लीताल अवागढ़ कंपाउंड निवासी साह परिवार पिछले कुछ महीनों से पूजा के लिए पवित्र माने जाने वाले सूखे नारियल (श्रीफल), क्ले और रंगों की मदद से माता की बेहद सुंदर मूर्तियों का निर्माण कर रहा है. नैनीताल समेत पूरे देश में उनकी मूर्तियों की डिमांड आ रही है, और नारियल से बनी मूर्तियां पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दे रही हैं.
फाइन आर्ट्स की पढ़ाई कर चुकी साह परिवार की सदस्य श्वेता बताती हैं कि उनके घर में पहले से ही उनकी माँ नारियल से घूंघट वाली देवी की मूर्ति बना रही हैं. वहीं से उन्हें नारियल से क्ले का उपयोग करके सुंदर मुखौटे वाली देवी बनाने का विचार आया. फाइन आर्ट की पढ़ाई कर चुकी श्वेता ने जब अपने इस विचार पर काम करना शुरू किया तो माता की बेहद सुंदर मूर्ति बन कर तैयार हो गई, जिसकी डिमांड नैनीताल समेत देश के कई कोनों से आने लगी है