• अनुवाद करें: |
मुख्य समाचार

संभल बवाल की जांच: न्यायिक आयोग ने शुरू की बयान दर्ज करने की प्रक्रिया

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

- आयोग में रिटायर्ड जज सोहन लाल, रिटायर्ड आईपीएस एके जैन, और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद शामिल हैं।

- पुलिस ने बवाल से जुड़े पांच लोगों की हत्या के मामले में आरोपी अफरोज को गिरफ्तार किया है। इससे जांच को नया मोड़ मिला है।

मुरादाबाद। संभल बवाल की गहराई से जांच के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग सोमवार शाम को मुरादाबाद पहुंच गया। मंगलवार सुबह आयोग के सदस्य संभल जाकर पीड़ितों के बयान दर्ज करेंगे। आयोग में रिटायर्ड जज सोहन लाल, रिटायर्ड आईपीएस एके जैन, और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद शामिल हैं।

आयोग की जांच में नई कड़ी -

पुलिस ने बवाल से जुड़े पांच लोगों की हत्या के मामले में आरोपी अफरोज को गिरफ्तार किया है। इससे जांच को नया मोड़ मिला है। वहीं, बवाल के अधिकांश प्रभावित लोग संभल में मौजूद नहीं हैं, जिससे जांच प्रक्रिया को जल्द पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

साजिश के अंतरराष्ट्रीय पहलू -

नवंबर में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए बवाल की साजिश दुबई से रचे जाने का खुलासा हुआ है। इससे मामला और जटिल हो गया है। जांच आयोग इस पहलू को ध्यान में रखते हुए मंडलीय और जिला स्तरीय अधिकारियों से इनपुट ले रहा है।

आयोग की तैयारियां और वार्ता -

जिला प्रशासन ने न्यायिक आयोग के ठहरने की व्यवस्था सर्किट हाउस में की है। सोमवार शाम को आयोग के सदस्यों ने मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह और डीआईजी मुनिराज जी से सर्किट हाउस में मुलाकात की। वार्ता में घटना की सटीकता और जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई।

पहले भी हुई है जांच पड़ताल -

यह आयोग पहले भी संभल जाकर जांच कर चुका है। इस बार, आयोग का फोकस पीड़ितों के बयान दर्ज कर घटना की पूरी तस्वीर समझने पर है।

बवाल की पृष्ठभूमि -

नवंबर में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर बवाल हुआ था, जिसमें हिंसा और पांच हत्याओं ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया था। दुबई से साजिश रचे जाने की खबर ने मामले को अंतरराष्ट्रीय बना दिया।

जल्द निष्कर्ष पर पहुंचने की कोशिश -

आयोग ने अपनी जांच में तेजी लाने का संकेत दिया है, लेकिन पीड़ितों की गैरमौजूदगी से यह कार्य जटिल हो गया है। प्रभावितों के बयान और पुलिस की गिरफ्तारी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को मिलाकर आयोग अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा।

संभल बवाल की यह जांच न केवल घटना के दोषियों को सामने लाने में मददगार होगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक नजीर भी स्थापित कर सकती है।