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सनातन कभी खत्म नहीं होता; कल भी था, आज भी है और आगे भी रहेगा – डॉ. मोहन भागवत जी

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 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि सनातन समाप्त नहीं होता, वह सर्वत्र रहता है. सनातन के आधार पर दुनिया चलती है. सनातन को खत्म करना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है. सनातन सत्य पर टिका है, लोगों के पुरुषार्थ पर टिका है. हमको हमेशा सत्य पर चलना चाहिए, असत्य को छोड़ देना चाहिए. हमें देश के लिए सामूहिक पुरुषार्थ में लग जाना है. मैं देश के लिए क्या कर सकता हूं, ये सोचना चाहिए.

सरसंघचालक जी गुरूवार को रोहतक के बाबा मस्तनाथ मठ में ब्रह्मलीन महंत चांदनाथ योगी जी की स्मृति में शंखढाल व मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, योग गुरु स्वामी रामदेव जी, कर्नाटक से निर्मलानंद स्वामी जी, चेतनानंद स्वामी जी, हरिद्वार से हलचित आनंद जी, महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज जी, जैन आचार्य लोकेश मुनि जी, नरहरि नाथ जी, योगी हरिनाथ महाराज जी, महंत लहरनाथ जी, व अन्य संत, गणमान्य उपस्थित रहे.

सरसंघचालक जी ने कहा कि सनातन ही हिन्दू राष्ट्र है. अपनी सारी संस्कृति उसी सनातन पर आधारित है. किसी एक मंच पर जितना अधिकतम प्रतिनिधित्व हो सकता है, आज यहां पर मौजूद है. इतने संप्रदाय को एक जगह लाना कठिन काम है. हमारे सनातन की यह प्रकृति है. हम सृष्टि के साथ संबंध मानते हैं, सृष्टि के स्वामी नहीं.यह भूमि हमारी माता है क्योंकि वही हमको आधार देती है. हमें अन्न-जल सब कुछ उसी से मिलता है. सनातन के आधार पर ही दुनिया चलती है, चलती थी, और चलती रहेगी. उन्होंने कहा कि जब कोरोना का संकट आया तो हमारा पूरा देश खड़ा हुआ था. शासन-प्रशासन व संस्थाएं बिना छुट्टी करे सेवा में लगे रहे. ऊंच-नीच की भावना नहीं होनी चाहिए, सबके प्रति समर्पित होकर चलना चाहिए. सत्य पर चलना चाहिए, सत्य को अपने आचरण में लाना चाहिए. सनातन के प्रति जागरूक होकर हमें संघर्ष करना होगा.


पूरा विश्व भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहा

उतरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया के लिए जो असम्भव था, भारत ने उसे सम्भव कर दिखाया. आज भारत एक विश्व शक्ति के रूप में उभर रहा है. आज विश्व में चारों तरफ संघर्ष चल रहा है, लेकिन इस स्थिति में भी भारत विश्व शांति की राह पर चल रहा है. यही कारण है कि आज पूरा विश्व भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहा है. पूरी दुनिया के अंदर एक संदेश देने की आवश्यकता है कि दुनिया जब भी संकट में होगी, मानवता के ऊपर कोई खतरा आएगा, उस वक्त आशा भरी निगाहें भारत की ओर होंगी. भारत उस काल में दुनिया को नेतृत्व देगा और संकट से उबारकर नयी राह दिखाने का कार्य करेगा.

योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि आज योग की जो प्रक्रिया है, उसके पीछे नाथ संप्रदाय की वर्षों की तपस्या है. नाथ संप्रदाय ने देश को बहुत कुछ दिया है. आज विश्व में चारों तरफ युद्ध का दौर चल रहा है, लेकिन भारत ने विश्व को तोड़ने का नहीं जोड़ने का काम किया. भारत ने विश्व को योग दिया है. हमें भारत को विश्व शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए 2047 की प्रतीक्षा नहीं करनी है, हमें इतना पुरुषार्थ करना है कि भारत 2035 तक ही विश्व शक्ति के रूप में स्थापित हो. जिस दिन भारत का प्रत्येक व्यक्ति 18 घंटे पुरुषार्थ करने लग जाएगा, भारत उसी दिन विश्व का सिरमौर बन जाएगा.


चिदानंद सरस्वती जी ने कहा कि सनातन का अर्थ जहां समता हो, सद्भाव हो, वह सनातन है. विज्ञान व अध्यात्म को जोड़ने के लिए सेतु बना दे, वह सनातन है. सनातन में हर समस्या का इलाज है. स्वामी हरि चेतनानंद महाराज ने कहा कि शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में बाबा मस्तनाथ ट्रस्ट काफी अच्छा कार्य कर रहा है. भारत में राम मंदिर बनना एक स्वप्न था, लेकिन यह स्वप्न भी अब पूरा हो गया है. वह दिन भी अब दूर नहीं जब अखंड भारत का सपना भी पूरा होगा.