केदारनाथ यात्रा आप में जटिल, लेकिन हाल में
किये गए परिवर्तनों ने यात्रा को काफी हद तक सुगम बना दिया है. धाम अधिक ऊंचाई पर
स्थित होने के कारण कई बारयात्रियों को सांस लेने में परेशानी, हाइपोथर्मिया और
ह्दयाघात जैसी चुनौतियों से जूझना पड़ता है। यात्रा के दौरान लोगों को स्वास्थय
समस्याओं का भी सामना करना पड़ जाता था लेकिन अब श्रद्धालुओं के स्वास्थ को ध्यान
में रखकर भी कई व्यवस्थाएं की गईं , जिनका पूरा लाभ श्रद्धालुओं को मिला. धाम और यात्रा
पड़ावों पर उपलब्ध कराई गई स्वास्थ्य सेवाएं इस बार तीर्थ यात्रियों के लिए
संजीवनी साबित हुईं। केदारनाथ धाम में इस वर्ष यात्रा शुरू होने से अब तक 2.40 लाख से अधिक तीर्थ
यात्रियों को उपचार की जरूरत पड़ी। इनमें से 10,627 यात्रियों को आक्सीजन देकर उनकी जान बचाई गई।
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक 16 किमी लंबे पैदल
मार्ग पर स्वास्थ्य विभाग ने 13 अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए हैं।
इसके अलावा धाम परिसर में स्थित चिकित्सालय में भी यात्रियों का उपचार किया जाता
है।