एटा, उत्तर प्रदेश
आज के समय में जेल केवल सजा देने की जगह नहीं रही, बल्कि यहां बंद लोगों को सुधारने और नई जिंदगी की शुरुआत करने का मौका भी दिया जाता है। इसी कड़ी में एटा जिला जेल में महिला बंदियों के लिए सिलाई का प्रशिक्षण शुरू किया गया है। जी हां यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय युवा शक्ति नाम की सामाजिक संस्था की मदद से शुरू किया गया है, जो पिछले 18 सालों से जेलों में सुधार के लिए काम कर रही है। इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षक कविता महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई और दूसरे हाथ के काम सिखाएंगी। वही जेल अधीक्षक ने कहा कि अब जेलें केवल सजा देने की जगह नहीं रहीं, बल्कि यहां लोगों को सुधारने और कुछ नया सिखाने का मौका भी दिया जाता है। उनका कहना है कि महिला कैदियों को हुनर सिखाकर हम उन्हें फिर से समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रघुनंदन ने बताया कि उनकी संस्था का इरादा है कि जेल में बंद लोग न केवल तकनीकी रूप से मजबूत बनें, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत होकर बाहर जाएं, ताकि वे समाज में वापस आकर एक अच्छे और जिम्मेदार नागरिक की तरह जीवन जी सकें।