नोएडा ,यूपी
एमिटी विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. रानू नायक ने एक विशेष वाटर ट्रीटमेंट उत्पाद तैयार किया है, जो समुद्र से कच्चे तेल को सोखने में सक्षम है। यह स्पंज बायोडिग्रेडेबल है
समुद्र में तेल रिसाव जलीय जीवन के लिए खतरा बनता जा रहा है। लेकिन अब भारत ने इसका स्वदेशी समाधान खोज निकाला है। एमिटी विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. रानू नायक ने एक बायोडिग्रेडेबल स्पंज विकसित किया है, जो तेल को पूरी तरह सोख लेता है और स्वयं भी प्राकृतिक रूप से नष्ट हो जाता है। इसका 100 बार तक उपयोग किया जा सकता है और तेल को दोबारा प्रयोग में लाया जा सकता है। इसे BPCLद्वारा प्रमाणित किया गया है। वहीँ वायुसेना ने इसमें रुचि दिखाई है और BIRAC से स्टार्टअप के लिए 46 लाख की सहायता भी उपलब्ध हुई है। यह तकनीक मात्र वैज्ञानिक सफलता नहीं, अपितु आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है। इसी सोच को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्षों से बढ़ावा देता आया है, जहाँ पर्यावरण संरक्षण को राष्ट्र सेवा का ही एक स्वरूप माना जाता है। जब विज्ञान, सेवा और स्वदेशी सोच मिलते हैं, तो समाधान भी देशी होते हैं, और दीर्घकालीन भी।