बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश
मुस्लिम युवती फरहीन ने सनातन संस्कृति से प्रेरित होकर न मात्र जीवन की दिशा बदली, अपितु पूरे साहस के साथ घर वापसी कर सनातन धर्म को अपनाया।
बुलंदशहर की 20 वर्ष की मुस्लिम युवती फरहीन ने सनातन संस्कृति से प्रेरित होकर न मात्र जीवन की दिशा बदली, अपितु पूरे साहस के साथ घर वापसी कर सनातन धर्म को अपनाया। उसे मनीष नामक हिन्दू युवक से प्रेम हुआ, लेकिन उसके मजहब के लोगों ने इस रिश्ते का विरोध किया पर कहते हैं न जब प्रेम सच्चा हो और आत्मा धर्म की ओर झुके, तो रास्ते स्वयं बन जाते हैं। शनिवार को दोनों ने आर्य समाज मंदिर में वैदिक विधि से विवाह किया। फरहीन ने पुलिस से कहा, “मैंने स्वेच्छा से विवाह किया है और अब सनातन धर्म को अपनाकर जीना चाहती हूं।” उसने विवाह के दस्तावेज भी प्रस्तुत किए और सुरक्षा की मांग की। फरहीन ने विरोध, भय और मोह को त्यागकर वह अपनत्व चुना जो सनातन धर्म देता है - वह सम्मान, जो उसे अपने मजहब में नहीं मिला। सनातन धर्म में अपार अपनत्व है, इसलिए हर भटकी आत्मा यहीं लौटती है। यही सनातन की शक्ति है।