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गाजियाबाद सैलून कांड: गंदगी नहीं, कट्टर सोच है ये

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गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश 

गाजियाबाद के सैलून की घटना मात्र गंदगी की नहीं, एक संकीर्ण, मजहबी और कट्टरवादी मानसिकता की तस्वीर है। अरशद अली नामक सैलून संचालक ने अपने हाथों में थूक लगाकर ग्राहक की फेस मसाज की।

गाजियाबाद के सैलून की घटना मात्र गंदगी की नहीं, एक संकीर्ण, मजहबी और कट्टरवादी मानसिकता की तस्वीर है। अरशद अली नामक सैलून संचालक ने अपने हाथों में थूक लगाकर ग्राहक की फेस मसाज की।  ये कृत्य मनुष्य को घिन से भर देने वाली है। ये वही मानसिकता है जो साफ-सफाई, सभ्यता और दूसरों के अधिकारों की परवाह किए बिना, अपनी आदतों और मान्यताओं को थोपने की कोशिश करती है। कुछ कट्टरपंथी सोच वाले लोग आज भी स्वच्छता और आधुनिक व्यवहार को नकारते हैं, और ऐसी हरकतों से पूरे समाज को शर्मिंदा कर देते हैं। चिंता की बात यह है कि यह पहली ऐसी घटना नहीं है। इससे पहले भी मुस्लिमों द्वारा जूस में थूक मिलाने, बाल काटने के दौरान थूक का प्रयोग करने जैसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जब बार-बार ऐसी घटनाएं एक ही मजहब से जुड़ी मिलती हैं, तो स्वाभाविक रूप से समाज में शंका और अविश्वास जन्म लेते हैं। मुस्लिम समाज को खुद आत्ममंथन करना होगा कि ऐसे कृत्य करके वे अपने ही समुदाय की छवि को धूमिल कर रहे हैं।