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प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अपने गौरवशाली दिनों में लौट आई है – नमल राजपक्षे

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अयोध्या/नई दिल्ली. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही रामभक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. श्रीराम के बालस्वरूप के दर्शन के लिए विदेशों से भी भक्त आने लगे हैं. प्राण प्रतिष्ठा (22 जनवरी) के पश्चात सूरीनाम और नेपाल का प्रतिनिधिमंडल प्रभु श्रीरामलला का दर्शन कर चुका है. गुरुवार (8 फरवरी) को फिजी के उप-प्रधानमंत्री विमान प्रसाद ने प्रतिनिधिमंडल के साथ रामलला के दर्शन किए.

शुक्रवार (9 फरवरी) को श्रीलंका के सांसद नमल राजपक्षे ने भी अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दर्शन किए. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में दक्षिण भारतीय लोग श्रीलंका में रहते हैं और आते जाते हैं. कहा कि, ये बहुत अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं मंदिर बनवाने और उसके उद्धघाटन के कार्य से जुड़े और इसे पूरा किया.

प्रभु श्रीरामलला के दर्शन के पश्चात मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं और मेरी पत्नी यहां आकर और भगवान का आशीर्वाद पाकर बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि हम श्रीलंका से आते हैं जो रामायण का हिस्सा था. बौद्ध संस्कृति, हिन्दू संस्कृति से जुड़े रहने के कारण हमें यहां आकर खुशी हो रही है. दुनियाभर से बहुत से ऐसे श्रद्धालु होंगे जो मंदिर आकर भगवान का आशीर्वाद पाना चाहते होंगे.

हमें अयोध्या में भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य और सम्मान मिला है. वास्तव में, आज यहां उपस्थित होना मेरे और मेरी पत्नी के लिए बहुत सम्मान की बात है। हम यहां आकर धन्य महसूस करते हैं. हमारा मानना है कि भगवान राम की जन्मभूमि अपने गौरवशाली दिनों में लौट आई है.

नमल राजपक्षे, श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे के बेटे हैं. जब 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा हुई‌ थी, तभी नमल ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी और सभी भारतीयों को बधाई दी थी. तब उन्होंने भारत और श्रीलंका के मजबूत रिश्तों की भी बात कही थी.

यह पहली बार नहीं, जब नमल राजपक्षे भारत आए हैं. तीन साल पहले कुशीनगर आए थे. कुशीनगर, भगवान गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण के लिए चर्चित है और यहां भगवान का बहुत बड़ा महापरिनिर्वाण मंदिर है.