- टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी एपल के सह-संस्थापक रहे स्टीव जॉब्स की पत्नी और दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में से एक लॉरेन पॉवेल 13 जनवरी से शुरू हो रहे प्रयागराज महाकुंभ 2025 में भाग लेंगी।
- स्वामी कैलाशनंद ने कहा, 'लॉरेन अपने गुरु से मिलने आ रही हैं। वह मेरी बेटी जैसी है। शिष्या बेटी के समान होती हैं। हमने उनको अपना गोत्र भी दिया है और उनका नाम 'कमला' रखा है।
प्रयागराज। महाकुंभ में विदेशी भक्तों का आने का सिलसिला जारी है। भारत की सनातन परंपरा की महिला विश्व के अन्य देशों में भी अपनी पहचान बना चुकी है। इसी क्रम में महाकुंभ से एक रोचक खबर आ रही है। देश में इस संस्कृति के सभी दिवाने है। टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी एपल के सह-संस्थापक रहे स्टीव जॉब्स की पत्नी और दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में से एक लॉरेन पॉवेल 13 जनवरी से शुरू हो रहे प्रयागराज महाकुंभ 2025 में भाग लेंगी।
महाकुंभ की महिमा के सभी दिवाने है। संगम की रेती की महिमा की चकाचौंध पूरी दुनियां में फैली हुई है। इसकी बानगी महाकुंभ में दिखेगी। दरअसल, एपल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी और दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में शुमार लॉरेन पॉवेल भी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में शामिल होंगी। इस बात की जानकारी आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलाशनंद जी महाराज ने दी है।
'लॉरेन मेरी बेटी के समान' -
स्वामी कैलाशनंद ने कहा, 'लॉरेन अपने गुरु से मिलने आ रही हैं। वह मेरी बेटी जैसी है। शिष्या बेटी के समान होती हैं। हमने उनको अपना गोत्र भी दिया है और उनका नाम 'कमला' रखा है। यह दूसरी बार है जब वह भारत आ रही हैं। महाकुंभ में सभी का स्वागत है। वह तीन से चार दिन रुकेंगी। वे महाकुंभ में आकर साधुओं से मिलेंगी और हमारे परंपराओं को समझने की कोशिश करेंगी।'
संतों से मिलेंगी...
उन्होंने यह भी कहा कि हम कोशिश करेंगे कि पॉवेल को अखाड़े की पेशवाई में शामिल किया जाए, लेकिन यह उनके ऊपर निर्भर करेगा। वे इस कुंभ का दौरा करेंगी और यहां संतों से मिलेंगी। उन्हें भी अच्छा लगेगा। हमें भी अच्छा लगेगा कि जो लोग हमारी परंपराओं के बारे में ज्यादा नहीं जानते, वे भी सीखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, 'दुनिया में ज्यादातर लोग किसी न किसी गुरु के मार्गदर्शन में हैं। कुंभ में कई लोग आ रहे हैं, कुछ अपने निजी कार्यक्रम के लिए आ रहे हैं। यह एक धार्मिक मेला है, दुनियाभर और भारत से लोग आशीर्वाद लेने के लिए महाकुंभ आते हैं।'
17 दिन रुक सकती हैं लॉरेन पॉवेल -
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अरबपति कारोबारी लॉरेन यहां 17 दिनों तक रहेंगी और कल्पवास में साधुओं की संगत में सादगीपूर्ण जीवन गुजारेंगी। दिवंगत पति स्टीव की तरह ही लॉरेन भी हिंदू और बौद्ध धर्म से खास जुड़ाव रखती हैं।
स्टीव जॉब्स भी रखते थे सनातन परंपरा में भरोसा -
बता दें कि स्टीव जॉब्स भी सनातन परंपरा में विश्वास रखते थे और उनके जीवन से जुड़े कई किस्से हैं, जिनमें वह भारतीय संतों से प्रभावित रहे हैं। इन संतों में बाबा नीम करोली महाराज का नाम सबसे प्रमुखता से लिया जाता है। 1974 में स्टीव जॉब्स बाबा नीम करोली के दरबार में आए थे। उन्होंने अपने जीवन का सबसे बड़ा सच जो रहस्य बन चुका था, उसे जानने के लिए वह बाबा नीम करोली के आश्रम पहुंचे थे। इस यात्रा के दौरान वह नीम करोली के बाबा के आश्रम कैंची धाम में रुके थे। इसके अलावा, परमहंस योगानंद द्वारा लिखित ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी' किताब भी उनके लिए बहुत खास रही थी। स्टीव जॉब्स ने कई मौकों पर इस किताब को जिंदगी में बदलाव लाने का जरिया माना था।
यहां ठहरेंगी लॉरेन पॉवेल जॉब्स -
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लॉरेन यहां 13 जनवरी को आ जाएंगी। जुलाई 2020 तक लॉरेन पॉवेल और उनके परिवार को फोर्ब्स की दुनिया के अरबपतियों की सालाना सूची में 59वें स्थान पर रखा गया था। टाइम्स मैगजीन ने कई बार उन्हें दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया है। महाकुंभ में लॉरेन पॉवेल जॉब्स के लिए ठहरने की व्यवस्था विशेष महाराजा डीलक्स कॉटेज में की गई है। वह निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के शिविर में 29 जनवरी तक रहेंगी और सनातन धर्म को करीब से समझने का प्रयास करेंगी। इसके अलावा, वह 19 जनवरी से शुरू हो रही कथा की पहली यजमान भी होंगी।
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