मिर्च की खेती में मिठास – गांव से बदलाव की गूंज
उत्तर प्रदेश फतेहाबाद कहते हैं, मेहनत का फल मीठा होता है…पर फतेहाबाद के एक किसान ने तो मिर्च में ही मिठास ढूंढ ली। चितौरा गांव के युवा किसान सौरभ धाकरे ने जैविक खाद से शिमला मिर्च, पकौड़ा मिर्च और देसी मिर्च की खेती कर कमाल की सफलता दिखाई ।
हरियाणा की फैक्ट्री की नौकरी छोड़ जब इन्होंने हल संभाला, तो मात्र खेत नहीं फला अपितु एक पूरे समाज को जैविक खेती की राह प्राप्त हुई। सौरभ ने पिता के कहने पर आरम्भ की शिमला मिर्च की खेती जो आज मथुरा से बनारस और इटावा से प्रयागराज तक पहुंच रही है।
चार लाख का निवेश और चार माह में पांच लाख का मुनाफा… परन्तु सबसे बड़ा मुनाफा यह है की ये युवा किसान अब औरों को सिखा रहा है कि खेती मात्र जीवन निर्वाह का साधन नहीं– ये सम्मान और समृद्धि का साधन है। ये आत्मनिर्भर भारत की और अग्रसर कदम है ।