• अनुवाद करें: |
मुख्य समाचार

छात्र-छात्राओं संस्कारवान बनाना ही विद्या भारती का उद्देश्य

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

देश में सभी छात्र-छात्राओं को अपनी संस्कृति के बारे में पता होना अत्यंत आवश्यक हैं. उनमें अपने संस्कारों के प्रति जागरूकता होनी चाहिए. इसी लक्ष्य के साथ रामगोपाल रामचंद्र सरस्वती विद्या भारती कॉलेज में दो दिवसीय प्रांतीय संस्कृति महोत्सव प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ था. जहां पर विजेताओं को सम्मानित भी किया गया. यहां आए पशिमी उत्तर प्रदेश के शैक्षिक प्रांत प्रमुख महेश शर्मा ने संस्कारवान शिक्षा लेकर देश का मान बढ़ाने के लिए सभी छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया.

उनका कहना था कि विद्या भारती का एकमात्र लक्ष्य देश में संस्कृति और संस्कार को शामिल कर विश्व में अपनी पहचान को बनाए रखना है. दो दिवसीय संस्कृति महोत्सव प्रतियोगिता में 14 विभागों के 78 विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के लगभग 257 छात्र-छात्राओं व आचार्यों और प्रधानाचार्यों ने भाग लिया. प्रतियोगिताएं तीन वर्गों बाल वर्ग, किशोर वर्ग और तरुण वर्ग में हुई. बाल वर्ग की भाषण प्रतियोगिता में दुर्गा माथुर, सिमरन सैनी, वसु शर्मा कला में सृष्टि, ख्याति, इशिका गीत में विराट, ख़ुशी, मूर्ति पहले दुसरे और तीसरे स्थान पर रहीं.

किशोर वर्ग की भाषण प्रतियोगिता में ऋतिक, अंश, मनन और काव्य पाठ में तेजस्वी यादव, चेतना, मूर्ति व कला में अनन्या, दीपंशी, आदर्श सम्मानित हुए. तरुण वर्ग की भाषण प्रतियोगिता में दीपिका, सिया, देव और काव्य में विधि, राघव, नेहा पुरस्कृत किये गए. इस कार्यक्रम में सुनील कुमार, सुरेन्द्र शर्मा, प्रकाश वीर, भोपाल शास्त्री, आनंदपाल आदि लोग मौजूद रहें.