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2 नवम्बर को बंद होंगे गंगोत्री धाम के कपाट, चार लाख से अधिक लोगों ने किए दर्शन

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उत्तराखण्ड
-चार धाम यात्रा में 26 लाख से अधिक भक्तों ने किया दर्शन 
-2023 में 56 लाख से अधिक भक्त आए थे चार धाम की यात्रा में 

इस साल 2 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट सर्दियों के लिए बंद हो जाएंगे। यह दिन दीपावली के अगले दिन पड़ने वाले गोवर्धन पूजा के अवसर पर है। गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद, माँ गंगा की मूर्ति को धूमधाम से शीतकालीन निवास मुखबा गाँव में ले जाया जाएगा, जहाँ सर्दियों के दौरान उनकी पूजा की जाती है।
इस वर्ष गंगौत्री मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या में काफी वृद्धि देखी गई है। 2024 में, गंगौत्री में अब तक लगभग 4,21,366 भक्तों ने दर्शन किए हैं। इस वर्ष के चार धाम यात्रा की शुरुआत 10 मई से हुई थी, और इस दौरान कुल मिलाकर 26 लाख से अधिक भक्तों ने विभिन्न धामों का दर्शन किया है। जबकि 2023 में गंगोत्री धाम में कुल 9,05,174 भक्तों ने दर्शन किए। इस साल की कुल संख्या चार धाम यात्रा के अंतर्गत आने वाले अन्य तीर्थ स्थलों के साथ मिलकर 56.13 लाख से अधिक रही, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक नया रिकॉर्ड है
 गंगोत्री धाम का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दोनों दृष्टियों से बहुत गहरा है। यहाँ कुछ मुख्य बिंदु हैं जो इस धाम की पवित्रता और महत्व को दर्शाते हैं:
 
धार्मिक महत्व:
• गंगोत्री धाम को माँ गंगा का मूल स्थान माना जाता है। हिंदू धर्म में गंगा नदी को एक पवित्र नदी माना जाता है, और इसके जल को मोक्ष का प्रतीक माना जाता है।
• यहाँ पर गंगा के प्रकट होने की कथा है, जिसमें राजा भगीरथ ने माँ गंगा को धरती पर लाने के लिए तप किया था। उनकी तपस्या के फलस्वरूप गंगा नदी पृथ्वी पर अवतरित हुई, जो उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करने में सक्षम हुई ।
 
चार धाम यात्रा:
• गंगोत्री चार धाम यात्रा का एक हिस्सा है, जो बद्रीनाथ, केदारनाथ और यमुनोत्री के साथ मिलकर चार पवित्र स्थलों का समूह बनाता है। श्रद्धालुओं के लिए इन चार स्थलों की यात्रा करना एक महत्वपूर्ण धार्मिक कार्य है
 
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व:
• गंगोत्री का क्षेत्र सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है, जिसमें विभिन्न धार्मिक उत्सव और मेले होते हैं। यहाँ के स्थानीय लोग गंगोत्री को अपनी संस्कृति और परंपराओं का केंद्र मानते हैं।
• इसके अलावा, गंगोत्री में स्थित प्राचीन मंदिर और उसके चारों ओर का क्षेत्र ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
 
प्राकृतिक सौंदर्य:
• गंगोत्री धाम का प्राकृतिक सौंदर्य भी इसे विशेष बनाता है। यहाँ की पर्वत श्रृंखलाएँ, बर्फीले पहाड़, और हरे-भरे जंगल पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।