- बदरीनाथ धाम परिसर स्थित माता लक्ष्मी, श्री गणेश जी, घंटाकर्ण जी, आदि केदारेश्वर श्रीशंकराचार्य मंदिर, माता मूर्ति मंदिर माणा, भविष्य बदरी मंदिर सुभाई के कपाट भी आज ही खोले गए। पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी और संजय डिमरी ने क्रमशः माता मूर्ति मंदिर माणा और भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन के कपाट खोले।
उत्तराखंड के चारधामों में से एक, विश्व प्रसिद्ध श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट रविवार, 4 मई 2025 को विधि-विधान, वैदिक मंत्रोच्चार और सेना की गढ़वाल स्काउट रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलने का शुभ मुहूर्त प्रातः 6 बजे निर्धारित था, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित 15,000 से अधिक श्रद्धालु इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने।
भव्य आयोजन और श्रद्धा का उत्सव
कपाट खुलते ही पूरा धाम 'जय बदरीविशाल' के जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। मंदिर को 40 क्विंटल से अधिक फूलों से भव्य रूप से सजाया गया, जिसमें 25 क्विंटल फूल मंदिर के बाहर और 15 क्विंटल मंदिर के अंदर सजाए गए। सीमांत गांव माणा और बामणी की महिलाओं ने पारंपरिक भक्तिमय नृत्य-संगीत प्रस्तुत किया, वहीं भजनों का भी आयोजन हुआ।
कपाट खुलने की प्रक्रिया
रविवार प्रातः 4:30 बजे श्री कुबेर जी ने बामणी गांव से चलकर दक्षिण द्वार से मंदिर परिसर में प्रवेश किया।
5 बजे रावल अमरनाथ नंबूदरी, वेदपाठी, हक-हकूकधारी, डिमरी पंचायत प्रतिनिधि सहित अन्य विशिष्ट अतिथि मंदिर परिसर पहुंचे। 5:30 बजे द्वार पूजा प्रारंभ हुई और ठीक 6 बजे कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलने से पूर्व माता लक्ष्मी ने मंदिर से अपने परिक्रमा स्थित मंदिर में प्रवेश किया, और श्रीउद्धव जी, श्रीकुबेर जी, श्रीगरुड़ जी गर्भगृह में विराजमान हुए। भगवान बदरीविशाल को घृत कंबल ओढ़ाया गया और निर्वाण दर्शन कराए गए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई पंकज मोदी, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, बीकेटीसी के नवनियुक्त अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती और विजय कपरवाण सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए चारधाम यात्रा में आने का आमंत्रण दिया और बेहतर यात्री सुविधाओं की बात कही। पर्यटन मंत्री ने बताया कि इस वर्ष अब तक 25 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है। बीकेटीसी ने तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर प्रबंधन और सुविधाओं का आश्वासन दिया है। पंजीकरण जांच और टोकन सिस्टम पर विशेष जोर दिया गया है।
अन्य मंदिरों के कपाट भी खुले-
बदरीनाथ धाम परिसर स्थित माता लक्ष्मी, श्री गणेश जी, घंटाकर्ण जी, आदि केदारेश्वर श्रीशंकराचार्य मंदिर, माता मूर्ति मंदिर माणा, भविष्य बदरी मंदिर सुभाई के कपाट भी आज ही खोले गए। पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी और संजय डिमरी ने क्रमशः माता मूर्ति मंदिर माणा और भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन के कपाट खोले।
चारधाम यात्रा का शुभारंभ-
इससे पूर्व 30 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम तथा 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि इस वर्ष चारधाम यात्रा नए कीर्तिमान स्थापित करेगी। श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही आध्यात्मिक उल्लास, परंपरा और श्रद्धा का अनूठा संगम देखने को मिला। प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं, और लाखों श्रद्धालु इस पावन यात्रा का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण करा चुके हैं।