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जंगल का ‘दुश्मन’ बना कमाई का जरिया!

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 अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड

अल्मोड़ा में ग्रीन इंडिया मिशन की अनोखी पहल कमाई का माध्यम भी बन गई है।  जंगलों में गिरने वाला पिरूल से महिलाएं आत्मनिर्भरता की कहानी गढ़ रही हैं नगुणगाड़ की महिलाएं इन दिनों पिरूल से खूबसूरत प्रोडक्ट बनाना सीख रही हैं।  गुलदस्ते, टोकरी, राखियां, बैग और कई सजावटी सामान। इन महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही हैं द्याराहाट की पिरूल वुमेन मंजू आर. साह  मंजू का लक्ष्य है महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना। इन हाथों से बने उत्पाद बाजार में खूब पसंद किए जा रहे हैं और ये पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है।

Women Will Become Self-reliant By Making Products From ...

सबसे बड़ी बात पिरूल घटने से जंगलों में आग की घटनाओं को भी रोका जा सकेगा। यानी पर्यावरण संरक्षण , महिलाओं की आजीविका—एक साथ। यानि ये प्रयास न मात्र स्वरोजगार को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और पारंपरिक त्योहारों को स्थानीय संसाधनों से जोड़ने की एक अनूठी मिसाल भी बन रहे हैं। अल्मोड़ा की ये पहल साबित कर रही है कि छोटे कदम  समाज और राष्ट्र उत्थान में बड़े बदलाव ला सकते हैं।