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घर का अचार, ऑर्डर की बाढ़! लखीमपुर की शिल्पी बनी आत्मनिर्भर

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लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश

लखीमपुर खीरी जहां महिलाओं की मेहनत और सपनों ने आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिखनी शुरू कर दी है। स्वयं सहायता समूह अब सिर्फ संस्था नहीं, बल्कि इन महिलाओं का सशक्त भविष्य बन चुका है। इन्हीं में से एक हैं। शिल्पी कुशवाहा। वर्ष 2016 में ‘ओम सहायता समूह’ से जुड़ी शिल्पी को शुरुआत में अंदाजा भी नहीं था कि यह फैसला उनकी जिंदगी बदल देगा। समूह की नियमित बैठकों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और बैंकिंग जानकारी ने शिल्पी को नई दिशा दी और दिया आत्मनिर्भर बनने का आत्मविश्वास। शिल्पी के हाथों का बना घरेलू अचार। इतना स्वादिष्ट कि दूर-दराज से लोग ऑर्डर करने लगे। धीरे-धीरे यह छोटा सा काम उनकी दूसरी बड़ी आय का मजबूत ज़रिया बन गया। शिल्पी कहती हैं- समूह से जुड़कर मुझे समझ आया कि हम महिलाएं भी अपने दम पर काम शुरू कर सकती हैं। प्रशिक्षण ने हिम्मत दी और आज मेरा अचार का काम घर की आय का बड़ा सहारा है। खुद की कमाई, खुद का काम और सबसे बड़ा बदलावा आत्मविश्वास। शिल्पी ही नहीं, लखीमपुर खीरी की कई महिलाएं आज स्वयं सहायता समूहों की बदौलत अपना भविष्य बदल रही हैं। लखीमपुर खीरी की ये महिलाएं साबित कर रही हैं कि अवसर मिले तो गांव की मिट्टी से भी सुनहरी कहानियां लिखी जा सकती हैं। और इन कहानियों की नायिका हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं ये निडर, मेहनती और आत्मनिर्भर महिलाएं।