प्रयागराज
1857 की क्रांति की स्मृति में प्रयागराज में ‘पहली आजादी महोत्सव’ का आयोजन भारत भाग्य विधाता संस्था द्वारा किया गया। यह महोत्सव खुशरूबाग से प्रभात फेरी के साथ प्रारंभ हुआ, जिसका नेतृत्व क्रांतिकारी वंशज उत्तम बनर्जी ने किया। बता दें मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने उद्घाटन करते हुए कहा कि प्रयागराज ही वही भूमि है जहाँ आज़ादी की पहली चिंगारी भड़की थी। वही पुलिस महानिरीक्षक अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि वीर सावरकर ने इस क्रांति पर पहली पुस्तक लिखी थी, जो ऐतिहासिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में महंत यमुनापुरी जी महाराज ने बताया कि इस क्रांति में 40,000 नागा संन्यासी भी शामिल हुए थे और उन्होंने ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ मोर्चा संभाला था। 6 जून 1857 को छठवीं नेटिव बटालियन के सरदार रामचंद्र ने इस विद्रोह की शुरुआत की, जिसे मौलवी लियाकत अली ने आगे बढ़ाया। हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक यह आंदोलन करीब 10 दिनों तक चला और इसे स्वतंत्रता की पहली लड़ाई माना जाता है। जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथि और स्वतंत्रता सेनानियों के वंशज सम्मलित हुए। और इस पूरे कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रमोद शुक्ला ने किया था, जबकि धन्यवाद ज्ञापन अनिल गुप्ता ने दिया। बता दें यह महोत्सव 16 जून तक चलेगा और इसमें आज़ादी के इतिहास से जुड़ी कई गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जिससे युवा पीढ़ी को अपने गौरवशाली अतीत से जोड़ने की प्रेरणा मिलेगी।