हमारा देश विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता और संस्कृति वाला देश है। यह संबोधन है कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह, डॉ. कृष्ण गोपाल जी का। उन्होंने बताया कि कैसे बाहरी लोगों ने भारत को अपने विचारों के जरिए भ्रमित किया और आज भारत में एक ऐसा समुदाय बन गया है जो अब उनकी ही भाषा बोलने लगा है। डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने कहा कि आगे एक लंबी यात्रा है और उसकी तैयारी हमें करनी होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग दुख के साथ यहां आए थे उन्हें हिंदुओं ने ही इस देश में बसाया है। हिंदुत्व की अंतरात्मा ही अध्यात्म है।
इसी क्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर नरेंद्र तनेजा जी ने कहा की जहां लोग खुद को हिंदू कहने से डरते थे वहीं आज वो खुद को गौरवान्वित होकर हिंदू बताते हैं। हिंदुत्व का उदार रूप, सर्वव्यापक रूप पूरे विश्व में स्थापित हुआ है। हमारे यहां हिंदुइज्म का स्थान नहीं है हिंदुत्व का स्थान है। साथ ही उन्होंने कहा हिंदुत्व समाज और मानव विकास का सबसे बड़ा तत्व है।
कार्यक्रम के अंत में प्रेरणा शोध संस्थान न्यास की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति दादू जी ने मंच पर आसीन एवं कार्यक्रम में आए सभी अथितियों का धन्यवाद किया। और कहा कि जो भी सुझाव आज इस संवाद के माध्यम से हमें प्राप्त हुए हैं उन सब पर प्रेरणा की ओर से ध्यान देकर कार्य किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीलम व डॉ. प्रियंका ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित रहे सभी गणमान्य लोगों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाकर उसको सफल बनाया, व स्वयं को प्रेरणा विमर्श से जुड़े रहने के लिए भाग्यशाली बताया।
इस कार्यक्रम का आयोजन प्रेरणा शोध संस्थान न्यास, नोएडा द्वारा भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मंदिर में प्रेरणा विमर्श अथिति वक्ता मिलन समारोह के रूप में किया गया था। जिसमें प्रेरणा विमर्श के सभी अथितियों ने संवाद के माध्यम से अपने-अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्य वक्ताओं और अतिथियों ने प्रेरणा के इस पहल को समाज के लिए सकारात्मक बताया और आगे भी ऐसे कार्यक्रम के लिए सहभागिता की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।