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अयोध्या में रामनवमी उत्सव, रामलला की मूर्ति पर सूर्य तिलक की तैयारी में जुटे वैज्ञानिक

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अयोध्या (08 अप्रैल).


रामनवमी के अवसर पर चार मिनट तक प्रभु श्रीरामलला का सूर्य तिलक होगा. इसकी तैयारी में वैज्ञानिक रात भर काम में जुटे रहे. वैज्ञानिकों द्वारा श्री राम जन्मभूमि मंदिर में उपकरण लगाए जा रहे हैं, जल्द ही ट्रायल भी करेंगे. मुख्य रूप से रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च संस्थान के वैज्ञानिकों का दल काम में लगा है.

पूर्व घोषणा के अनुसार हो रही तैयारी में ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम के लिए उपकरण लगाए जा रहे हैं. बीती रात प्रभु श्री रामलला को शयन कराने के बाद उनके माथे का सटीक स्थान सुनिश्चित करने के लिए स्टिकर लगा कर तब श्रीविग्रह को चद्दर उढ़ाया गया. जिससे वैज्ञानिक दल अपना उपकरण लगाने के लिए सटीक नाप जोख कर सकें.

बताया जा रहा है कि गोलाकार सूर्य अभिषेक 75 मिमी का होगा. दोपहर 12 बजे सूर्य किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी. निरंतर चार मिनट तक किरणें रामलला के मुख मंडल को दैदीप्तिमान करेंगी.

न्यास से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंदिर के भूतल पर दो मिरर और एक लेंस लगाया जा चुका है. सूर्य की रोशनी तीसरे तल पर लगे दर्पण से तीन लेंस, दो दर्पणों से होते हुए भूतल पर लगाए गए आखिरी दर्पण पर पड़ेगी. इससे परावर्तित होने वाली किरणों से मस्तक पर तिलक बनेगा.

मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि श्री रामलला का सूर्य तिलक करने की तैयारी संपूर्ण परिश्रम से हो रही है. संभव है कि राम नवमी पर वैज्ञानिकों का प्रयास फलीभूत हो जाए. तकरीबन सौ एलईडी स्क्रीन के माध्यम से इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा. उन्होंने श्रद्धालुओं से निवेदन किया कि भीड़ की परेशानियों से बचने के लिए अपने स्थान पर ही नवमी का पूजन, दर्शन करें.