परंपरागत वेशभूषा में हजारों वनवासियों ने मन मोह लिया; महाकुम्भ में लगाई आस्था की डुबकी
- 06 फरवरी को युवा कुम्भ के बाद आज विभिन्न कार्यक्रमों में उपस्थित जनजाति क्षेत्र के हजारों श्रद्धालुओं ने भव्य शोभा यात्रा के रूप में संगम तट की ओर प्रस्थान किया
- स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने केसरी झंडी दिखा शोभायात्रा को रवाना किया, भगवान शंकर, श्री राम, श्री कृष्ण और भारतमाता के जयघोष के साथ हजारों श्रद्धालु उत्साह के साथ संगम तट की ओर निकले
महाकुम्भ नगर, प्रयागराज। जनजाति क्षेत्रों से महाकुम्भ में आए हजारों श्रद्धालुओं ने आज भव्य शोभा यात्रा के पश्चात संगम तट पर पवित्र अमृत स्नान किया।
06 से 10 फरवरी के बीच अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा महाकुम्भ में जनजाति समागम के रूप में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। 06 फरवरी को युवा कुम्भ के बाद आज विभिन्न कार्यक्रमों में उपस्थित जनजाति क्षेत्र के हजारों श्रद्धालुओं ने भव्य शोभा यात्रा के रूप में संगम तट की ओर प्रस्थान किया। स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने केसरी झंडी दिखा शोभायात्रा को रवाना किया, भगवान शंकर, श्री राम, श्री कृष्ण और भारतमाता के जयघोष के साथ हजारों श्रद्धालु उत्साह के साथ संगम तट की ओर निकले।
अपनी परंपरागत वेशभूषा में नागालैंड, मिजोरम से लेकर अंडमान तक और केरल से लेकर हिमाचल तक के हजारों जनजाति श्रद्धालु शोभायात्रा में सम्मिलित हुए थे। जनजाति भारत का एक विहंगम दृश्य महाकुम्भ में देखने को मिला।
10 हजार से अधिक जनजाति समाज की इस कुम्भ में सहभागिता और एक भव्य एवं अनुशासनबद्ध शोभायात्रा के साथ अमृत स्नान आकर्षक और यादगार दृश्य रहा।