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महाकुंभ 2025 : कावड़ यात्रा का होगा फॉर्मूला, नो एक्सीडेंट जोन’ बनाए जाएंगे

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प्रयागराज। 

- महाकुंभ की तैयारियां शुरू, सड़क सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण पर जोर

- CCTV कैमरे और ड्रोन की मदद से होगी निगरानी

महाकुंभ 2025 में सड़कों पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए प्रशासन ने इस बार कावड़ यात्रा के दौरान अपनाए गए ‘नो एक्सीडेंट जोन’ फॉर्मूले को लागू करने का फैसला किया है। कावड़ यात्रा के दौरान, पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा उपायों का एक विशेष मॉडल अपनाया था, जिसमें सड़क सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण पर जोर दिया गया था। इसी तर्ज पर महाकुंभ में भी ‘नो एक्सीडेंट जोन’ बनाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

क्या है 'नो एक्सीडेंट जोन' का फॉर्मूला?

‘नो एक्सीडेंट जोन’ का मतलब है कि एक निर्धारित क्षेत्र में सड़क सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाएंगे। 


वाहनों का सीमित प्रवेश-

 महाकुंभ स्थल के आसपास के क्षेत्रों में केवल अनुमत वाहन ही प्रवेश कर पाएंगे। भीड़ भरे स्थानों पर भारी वाहनों और दोपहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी। 

विशेष लेन-

श्रद्धालुओं के पैदल चलने के लिए विशेष लेन बनाई जाएंगी, ताकि वे सुरक्षित और सुचारु रूप से यात्रा कर सकें। इसी तरह से ट्रैफिक के लिए अलग-अलग लेन निर्धारित की जाएंगी ताकि सड़क पर भीड़भाड़ और दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।

स्पीड लिमिट और बैरिकेडिंग-

महाकुंभ क्षेत्र में वाहनों की गति सीमा पर सख्त नियंत्रण रहेगा। स्पीड लिमिट निर्धारित की जाएगी और जगह-जगह बैरिकेड्स लगाए जाएंगे ताकि वाहन धीमी गति से चलें और दुर्घटना का खतरा कम हो।

CCTV और ड्रोन मॉनिटरिंग-

पूरे महाकुंभ क्षेत्र में CCTV कैमरे और ड्रोन की मदद से निगरानी की जाएगी। इससे संदिग्ध गतिविधियों और किसी भी प्रकार के आपातकालीन स्थिति पर तुरंत प्रतिक्रिया संभव हो सकेगी।

इमरजेंसी सेवाओं की तैनाती-

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जगह-जगह मेडिकल टीम, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की व्यवस्था रहेगी। 

साइनेज और वॉलेंटियर गाइडेंस-

महाकुंभ क्षेत्र में विशेष साइनेज और संकेतक लगाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित मार्ग पर ही चल सकें। इसके साथ ही, प्रशिक्षित वॉलेंटियर्स तैनात किए जाएंगे जो श्रद्धालुओं को सही दिशा और सुरक्षा के बारे में मार्गदर्शन देंगे।

हादसों में कमी के लिए खास इंतजाम-

महाकुंभ के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। प्रशासन का यह कदम महाकुंभ में दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। कावड़ यात्रा के दौरान अपनाए गए इस मॉडल को महाकुंभ में लागू करने से लोगों की सुरक्षा और भी मजबूत होगी।