अलीगढ़, यूपी
प्रेम मजहब नहीं देखता..देखता है तो बस भरोसा, सम्मान और साथ निभाने की नीयत... रूबी-राजेश की ये कहानी इसी निछल प्रेम का उदाहरण है।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की ये कहानी जब सामने आई है तो इसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा, जहाँ एक एक मुस्लिम युवती ने अपनी मर्जी से घर वापसी कर हिन्दू युवक से विवाह रचाया।
अलीगढ़ के इगलास थाना क्षेत्र के गांव सहारा कलां की रहने वाली रूबा ने खुद को अब 'रूबी' नाम दे दिया है… और बरेली के युवक राजेश के साथ अग्नि के सात फेरे लेकर जन्मों-जन्मों का बंधन बांध लिया है।
रूबी अपना एक वीडियो शेयर कर के कहती हैं...मैं बालिग हूं। मैंने अपनी मर्जी से इस्लाम छोड़ सनातन धर्म अपनाया है। मुझ पर किसी का कोई दबाव नहीं है, मुझे हिंदू धर्म के संस्कार शुरुआत से हीअच्छे लगते थे. धीरे-धीरे मेरेमन में सनातन धर्म के लिए आस्था जागी और फिर मैंने जीवन भर साथ निभाने के लिए राजेश को अपना जीवनसाथी चुन लिया।
आपको बता दें ये विवाह बरेली के प्रसिद्ध अगस्त्य मुनि आश्रम में हुआ, जहां आश्रम के महंत केके शंखधार स्वयं उपस्तिथ थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विवाह आपसी सहमति से, हिंदू परंपराओं के अनुसार संपन्न हुआ है...
अगर बात करें रूबी और राजेश की प्रेम कहानी की तो उनकी पहचान चार साल पहले हुई थी। गांव राजेश का आना-जाना लगा रहता था। पहले बातचीत शुरू हुई, फिर दोस्ती, और वक्त के साथ ये रिश्ता प्यार में बदल गया।
इसी प्यार के लिए रूबी ने मजहब की सारी दीवारें तोड़ दी और राजेश से विवाह किया..विवाह के बाद रूबी ने एक वीडियो जारी कर प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है। उसका कहना है कि कुछ लोगों से उसे और राजेश को जान का खतरा है, इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जाए, अब यह मामला पुलिस और प्रशासन के पास है...रूबी और राजेश अपना शांतिपूर्ण जीवन खुशी-खुशी जी रहे हैं।