उत्तरकाशी, उत्तराखण्ड
भारत विश्वभर के पर्यटकों की पसंद है और जब बात हो उत्तराखंड की, तो श्रद्धा, भक्ति और प्राकृतिक सुंदरता तीनों यहं एक साथ मिलते हैं। लेकिन अब यहां आने वालों को ठहरने के लिए महंगे होटलों की नहीं आवश्यकता नहीं है आप ठहरने के लिए होम स्टे भी ले सकतें हैं
इस पहल के साथ उत्तरकाशी जिले का मथोली गांव जो आज ‘ब्वारी गांव’ के नाम से जाना जा रहा है। यहां की महिलाएं न केवल होम स्टे चला रही हैं, बल्कि पर्यटकों को पहाड़ी जीवन की झलक भी दिखा रही हैं, वो भी सादगी और आत्मीयता के साथ
इस पहल की शुरुआत की प्रदीप पंवार ने, जो कोविड के समय गांव लौटे और अपनी गौशाला को एक खूबसूरत होम स्टे में बदल दिया। फिर उन्होंने गांव की महिलाओं को भी ट्रेनिंग दी होम स्टे चलाने, ट्रैकिंग कराने कराने की।
अब मथोली गांव में 20 से अधिक महिलाएं इस काम से जुड़ चुकी हैं, और अब तक 1000 से ज्यादा पर्यटक यहां आ भी चुके हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो उत्तराखंड सरकार भी इस पहल को समर्थन दे रही है। ‘पंडित दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना’ के तहत 33% तक सब्सिडी दी जा रही है। आज राज्य में 5331 होम स्टे पंजीकृत हैं, जिनमें से अधिकतर महिलाएं चला रही हैं। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मथोली गांव की सराहना की है।
कहना गलत नहीं होगा की ब्वारी गांव अब केवल एक जगह नहीं, एक सोच है जहां महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और गांवों को टूरिज्म हब में बदल रही हैं। ये है असली महिला सशक्तिकरण, जो पर्यटकों को पहाड़ी जीवन की झलक दिखा रहा है