उत्तराखण्ड
पिछले काफी समय से देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में कुछ लोग साधु-संतों का भेष धारण कर न केवल आम जनता को ठग रहे थे, बल्कि सनातन धर्म की पवित्रता को भी आघात पहुँचा रहे थे। इस लगातार बढ़ते पाखंड और धार्मिक आस्थाओं से हो रहे खिलवाड़ को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कदम उठाते हुए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ की शुरुआत की — एक ऐसा अभियान, जो सनातन धर्म की गरिमा और जनता की सुरक्षा को बनाए रखने की दिशा में बेहद आवश्क था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेशभर में चल रहा ऑपरेशन कालनेमि अब और भी तेज़ हो गया है। रविवार को अभियान के तीसरे दिन शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों से 34 ढोंगियों को गिरफ्तार किया गया, जो साधु-संतों का भेष बनाकर लोगों से ठगी कर रहे थे। इस पूरे अभियान की निगरानी स्वयं एसएसपी देहरादून अजय सिंह कर रहे हैं और सभी थाना प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे पाखंडी और ठगों को पकड़ कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। अभियान के चौथे दिन यानी सोमवार को पुलिस ने और सख्ती दिखाते हुए 29 और ढोंगियों को गिरफ्तार किया। इनमें 20 आरोपी उत्तराखंड से बाहर के हैं। साथ ही एक दंपती को फर्जी दवाखाना चलाने के आरोप में भी हिरासत में लिया गया है। प्रदेश भर में अब तक 200 से अधिक ऐसे ढोंगी पकड़े जा चुके हैं, जो धार्मिक स्थलों पर छद्मवेश धारण कर लोगों को ठगने और अनैतिक गतिविधियों में लिप्त पाए गए। मुख्यमंत्री धामी का यह अभियान साफ संदेश देता है कि देवभूमि की पवित्रता से कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता। ‘ऑपरेशन कालनेमि’ एक चेतावनी है उन सभी के लिए जो धर्म के नाम पर धोखा देने की नीयत रखते हैं।