उत्तराखण्ड में पर्यटकों के लिए खुल गई विश्व प्रसिद्ध
फूलों की घाटी, इन गर्मियों में जाएँ ट्रैकिंग
उत्तराखंड के चमोली जिले में यूनेस्को
के विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान शनिवार
को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। घांघरिया आधार शिविर से 48 पर्यटकों
के पहले जत्थे को उप वन संरक्षक बीबी मर्तोलिया ने घाटी के लिए रवाना किया। घाटी
में फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां हैं।
चूंकि यह एक संरक्षित क्षेत्र है, इसलिए
पर्यटक घाटी में रात के समय नहीं रुक सकते और उन्हें उसी दिन आधार शिविर लौटना
होगा। पर्यटकों को फूलों की घाटी का ट्रैक करने के बाद उसी दिन बेस कैंप घांघरिया
वापस आना अनिवार्य किया गया है। बेस कैंप घांघरिया में पर्यटकों के ठहरने की
समुचित व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि वैली ऑफ फ्लावर ट्रैकिंग के लिए देशी
नागरिकों को 200 रुपये तथा विदेशी नागरिकों के लिए 800
रुपये ट्रेक शुल्क निर्धारित है। इस साल फूलों की घाटी 31अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी।
फूलों की घाटी ट्रैक अपने फूलों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। इस घाटी के रोचक बात ये है कि ये घाटी हर 15 दिन में अपना रंग बदल लेती है। फूलों की कुछ प्रजाति ऐसी है जो आपको सिर्फ यही देखने को मिलती है। फूलों की घाटी दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है और जैव विविधता का अनुपम खजाना है।
फूलों की घाटी पहुंचने के लिए बेस कैंप
घांघरिया से तीन किमी पैदल चलना पड़ता है। घाटी में अलग-अलग मौसम में पांच सौ से
अधिक प्रजाति के रंग-विरंगे फूल खिलते हैं। सबसे अधिक फूल जुलाई-अगस्त में खिलते
हैं।